जयपुर: राजस्थान में बालिग और नाबालिग लड़कियों के लापता होने के केसेज में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर सूबे के विधायक चिंतित हैं. यह मसला विधानसभा में उठा तो कई विधायकों ने इस पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कैसे इस पर लगाम लगाई जाए और हालात को सुधार जाए इस पर सभी को मिलकर विचार करना होगा. इसके लिए अगर कानून बनाने की जरूरत है तो उस पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इसे बेहद गंभीर मसला बताते हुए कहा कि यह सभी के लिए सोचनीय विषय है.
राजस्थान विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सदन में यह मामला उठा. इस दौरान प्रेम विवाह और घर से भगाने के मामलों का भी जिक्र हुआ. मारवाड़ जंक्शन के विधायक केसाराम चौधरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पिछले दिनों में उनके विधानसभा क्षेत्र में ऐसे मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. अकेले उनके विधानसभा क्षेत्र में ही 475 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं.
कई लड़कियों माता-पिता को पहचाने से ही इनकार कर दिया
उन्होंने कहा कि बीते 2 साल में नाबालिग बच्चियों के लापता होने से जुड़े 122 मामले दर्ज हुए हैं. जबकि बालिग लड़कियों के 372 मामले सामने आए हैं. ऐसे मामलों पुलिस की ओर से ढूंढकर लाई गई कई बालिग और नाबालिग लड़कियों ने अपने माता-पिता को ही पहचान से इनकार कर दिया. केसाराम चौधरी बोले यह मामला गंभीर है. इस पर हम सबको विचार करना चाहिए. कैसे इसमें सुधार हो सकता है? अगर कानून बनाने की जरूरत हो तो उस पर भी गौर किया जाए.
विधायक हरिमोहन बोले-इस मुद्दे में हिंदू मुस्लिम नहीं देखें
विधायक केसाराम की इस चिंता को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गंभीर मामला बताते हुए कहा कि हम सबको आपस में इस पर बात करके समाधान खोजना चाहिए. इस दौरान कुछ विधायकों ने इसका कारण लव जिहाद को बताया. इस पर इस पर बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा बोले इस मुद्दे में हिंदू मुस्लिम नहीं देखें बल्कि भारतीय संस्कृति को अपनाने की जरुरत है. कुछ दिन पहले कांग्रेस के पूसाराम गोदारा ने भी यह मामला सदन में उठाया था. उस दौरान उन्होंने इस पीड़ा को जाहिर किया था.