हाईकोर्ट से हेमंत सोरेन को राहत मिले अभी हफ्ता भी नहीं गुजरा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को राहत मिली है। अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। ये अतंरिम जमानत अरविंद केजरीवाल को ईडी के मामले में मिली है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले को बड़ी बेंच को रेफर कर दिया है। जमानत मिली है लेकिन केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। क्योंकि केजरीवाल को सीबीआई ने भी गिरफ्तार करके रखा है। सीबीआई मामले में सभी की निगाहें टिकी है क्योंकि हाईकोर्ट में 17 जुलाई को सुनवाई होनी है। धारा हुई एजेंसी को गिरफ्तार करने की शक्ति देती है वहीं आर्टिकल 45 कोर्ट के पास बेल देने की पावर है।
गठन के 10 साल बाद आप बनी राष्ट्रीय पार्टी
अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि गिरफ्तारी के वक्त ईडी के पास कोई नया सबूत नहीं था। इसलिए ये गिरफ्तारी अवैध है। ईडी की तरफ से पेश वकील ने इस बात पर आपत्ति जताई। किस आधार पर या साक्ष्यों के मुताबिक ईडी सेक्शन 19 के तहत किसी को गिरफ्तार कर सकती है। अगर लार्जर बेंच कह दे कि गिरफ्तारी का तरीका वैध है, ऐसी सूरत में अंतरिम जमानत कैंसिल हो जाएगी। वैसे आम आदमी पार्टी कई मामलों में अनोखी पार्टी है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली के पहले और एकमात्र मुख्यमंत्री बने जिन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोहों के लिए ऐतिहासिक रामलीला मैदान को प्राथमिकता दी है, जबकि उनके पूर्ववर्तियों ने राज निवास में शपथ ली थी। गठन के 10 साल बाद आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय पार्टी बन चुकी है। दिल्ली के अलावा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। गोवा के साथ ही गुजरात में पार्टी ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। वहीं ऐसा पहली बार भारत के इतिहास में हुआ जब भ्रष्टाचार के आपराधिक मामले में किसी पार्टी को आरोपी बनाया गया है। पार्टी भी ऐसी जिसकी स्थापना ही भ्रष्टाचार के मुद्दे के खिलाफ हुई थी। अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया था। 10 जुलाई 2024 को यही पार्टी दिल्ली के शराब घोटाले में खुद एक आरोपी बन गई है। इस पार्टी के आरोपी बनने का सीधा मतलब यही है कि इस मामले में आरोप अगर सिद्ध हो जाते हैं तो जितनी सजा अरविंद केजरीवाल को होगी उतनी ही सजा आम आदमी पार्टी को ही दी जाएगी। उस वक्त आम आदमी पार्टी को गोवा की 40 विधानसभा में 2 सीटें हासिल हुई थी और उसे 6 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे। जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई। लेकिन अब राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा भी खतरे में आ गया है।
पहली बार किसी पार्टी को बनाया गया आरोपी
जिस तरह किसी भी आपराधिक मुकदमे में प्रत्येक अभियुक्तिों पर कानूनी धाराएं लगाकर उसके खिलाफ बकायदा अदालत में केस चलाया जाता है और चार्जशीट दायर होती है। बिल्कुल वैसा ही आम आदमी पार्टी के साथ होगा। यानी जिस तरह लोगों को आरोपी बनाया जाता है वैसे ही पार्टी को आरोपी बनाया गया। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में नवीनतम विकास में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कुल 38 साजिशकर्ताओं में से आरोपी नंबर 37 के रूप में सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ एक नया आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में केजरीवाल को सरगना और मुख्य साजिशकर्ता के रूप में भी उल्लेख किया गया है। 209 पन्नों की चार्जशीट में 38वें नंबर पर आम आदमी पार्टी आरोपी है। भारत के इतिहास में पहली बार किसी पार्टी को आरोपी बनाया गया है और आम आदमी पार्टी (आप) को तलब किया गया। अरविंद केजरीवाल की भूमिका पर ईडी ने चार्जशीट में कहा कि पीएमएलए के सेक्शन 70 के तहत अरविंद केजरीवाल की आबकारी मामले में भूमिका है। अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संरक्षक होने के नाते पार्टी की ओऱ से किए गए हर कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं। आप प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय की मुख्य तौर पर लाभार्थी है।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में क्या दावे किए
9 जुलाई को दिल्ली की अदालत ने उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर सातवें और आठवें सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया। आरोप पत्र के जवाब में आप ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी भाजपा की राजनीतिक शाखा के रूप में कार्य कर रही है। पार्टी ने आगे दावा किया कि दो साल की जांच और 500 से अधिक छापों के बावजूद मामले में किसी भी आप नेता से एक भी रुपया बरामद नहीं किया गया। पार्टी ने आगे दावा किया कि केंद्रीय एजेंसियों को आप को समाप्त करने के लिए सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था। सातवें सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम है। आठवें सप्लीमेंट्री चार्जशीट में विनोद चौहान और उनके सहयोगी आशीष माथुर को आरोपी बनाया गया है। ईडी के अनुसार, चौहान कथित तौर पर 2021-2022 में गोवा विधानसभा चुनाव अभियान के लिए आप को 25.5 करोड़ रुपये के हस्तांतरण में शामिल थे। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आरोपियों को 12 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया। चौहान और केजरीवाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
सजा होने पर क्या
नियमों के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या राष्ट्रीय संयोजक को ईडी के समन का पालन करना चाहिए। वहीं पार्टी के लिए जिम्मेदार होते हैं। केजरीवाल जेल में हैं और ईडी उनसे पूछताछ करेंगे। सारे बयान आम आदमी के नाम पर ही दर्ज होंगे। बाद में अदालत भी आम आदमी पार्टी को ही अभियुक्त मानकर अपना फैसला सुनाएगी। वैसे सजा होने की स्थिति में अरविंद केजरीवाल की विधानसभा सदस्यता भी जा सकती है। फिर उनके लिए सीएम बन पाना मुमकिन नहीं हो सकेगा।
क्या है जनप्रतिनिधित्व कानून
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी भी सदस्य को दोषी ठहराए जाने और दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा होने पर अयोग्य घोषित किया जाएगा। व्यक्ति कारावास की अवधि और एक और छह साल के लिए अयोग्य है। लेकिन, अधिनियम में प्रदान किए गए मौजूदा सदस्यों के लिए एक अपवाद है। वर्तमान सदस्यों के लिए एक अपवाद है; उन्हें अपील करने के लिए सजा की तारीख से तीन महीने की अवधि प्रदान की गई है। अधिनियम कहता है कि अपात्रता तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि अपील का फैसला नहीं हो जाता है। एक अपराध के लिए दोषी ठहराए गए सांसद की अयोग्यता दो मामलों में हो सकती है। सबसे पहले, यदि वह अपराध जिसके लिए उसे दोषी ठहराया गया है, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(1) में सूचीबद्ध है। दूसरा, अगर कानून निर्माता को किसी अन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है लेकिन दो साल या उससे अधिक की अवधि के लिए सजा सुनाई जाती है। आरपीए की धारा 8(3) में कहा गया है कि अगर किसी सांसद को दोषी ठहराया जाता है और दो साल से कम की कैद की सजा नहीं होती है तो उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।