उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार पर मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अब दोबारा से उभरने के जतन में जुट गई है. लखनऊ में 3 दिन तक डेरा जमाकर बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष हार की वजह तलाश चुके हैं तो सीएम योगी आदित्यनाथ जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर विधानसभा स्तर पर सभी से रिपोर्ट ले रहे हैं. अब बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक 14 जुलाई को लखनऊ में है, जिसमें पार्टी के खिसके जनाधार को दोबारा से जोड़ने का खाका रखा जाएगा.
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद होने वाली बीजेपी की यह बैठक कई मायनों में अहम होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि यूपी में बीजेपी के भविष्य को रोडमैप तैयार होगा? चुनाव में मिली हार के बाद हो रही बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शिरकत करेंगे. प्रदेश की कार्यसमिति की बैठक में आमतौर पर 300 के करीब नेता शामिल हुआ करते थे, लेकिन इस बार इनकी संख्या 3 हजार से अधिक होगी.
लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विधि यूनिवर्सिटी के अंबेडकर ऑडिटोरियम में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक रखी गई है. इस बार कार्यसमिति के सभी सदस्यों के अलावा सूबे के सभी विधायक, यूपी कोटे के मंत्री केंद्रीय मंत्री और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है. इसके अलावा यूपी के नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है
JP नड्डा भी होंगे बैठक में शामिल
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधन करेंगे. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश की सत्ता सौंपने को लेकर प्रदेशवासियों का आभार जताया जाएगा. बैठक में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मुद्दे को आगे बढ़ाने की झलक भी दिखाई देगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सहित दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी शामिल होंगे. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी बैठक के पहले सत्र को संबोधित करेंगे.
उत्तर प्रदेश बीजेपी के महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह, पार्टी की आगामी कार्ययोजना और अभियानों की जानकारी देंगे. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी संगठन मंत्री का संबोधन सबसे अहम माना जाता है, जिसमें बीजेपी यूपी में अब दोबारा से कैसे आगे बढ़ेगी, उसका वो रोडमैप रखेंगे. प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों की रणनीति भी तय की जाएगी. इतना ही नहीं बीजेपी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भी ब्लू प्रिंट रख सकती है.
बिखरे वोट को फिर समेटने की कोशिश
लोकसभा चुनाव के खराब परिणाम के बाद यह महत्वपूर्ण बैठक हो रही, जिसमें भविष्य को लेकर अहम फैसला लिए जा सकते हैं. बीजेपी में आने वाले वक्त में जो बदलाव होने हैं उनकी आधारशिला इसी बैठक में रखी जाएगी. उत्तर प्रदेश के विकास की प्रतिबद्धता के साथ बिखरे सामाजिक ताने-बाने को फिर से बुनने की कवायद की जाएगी. इसका रोडमैप कार्यसमिति की बैठक में रखा जा सकता है, क्योंकि बीजेपी की हार के पीछे अहम दलित और ओबीसी वोटों का खिसकना था. ऐसे में ओबीसी और दलित समुदाय के वोटों को फिर से साथ लाने की स्ट्रैटेजी भी रखी जा सकती है.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी 62 सीटों से घटकर 33 पर आ गई है. बीजेपी को सबसे बड़ा झटका पूर्वांचल के इलाके में लगा है. 2024 की हार से हताश नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाकर विधानसभा उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य तय किया जाएगा. यूपी में पार्टी संगठन और सरकार के बीच के बेहतर तालमेल बैठाकर चलने की स्ट्रैटेजी पर भी काम होगा. वहीं, उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के एजेंडे के साथ विपक्ष के दुष्प्रचार की पोल खोलने का भी संकल्प लिया जाएगा.
UP कैबिनेट में फेरबदल की संभावना
माना जा रहा है कि बीजेपी की कार्यसमिति के उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव भी किए जा सकते हैं. इसमें अनेक पदों के अलावा, मोर्चे, विभाग, प्रकोष्ठ और जिलों तथा क्षेत्रों में भी बड़े परिवर्तन किए जा सकते हैं. इसके साथ ही योगी कैबिनेट में भी बड़ा परिवर्तन किए जाने की चर्चा है, क्योंकि योगी सरकार के 2 मंत्री जीतकर लोकसभा सांसद बने हैं.
जितिन प्रसाद यूपी में योगी सरकार से इस्तीफा देकर मोदी सरकार में मंत्री बन चुके हैं. जबकि यूपी सरकार में मत्री रहे अनूप वाल्मिकी हाथरस से सांसद चुने गए हैं. ऐसे में योगी कैबिनेट के विस्तार किए जाने की संभावना पर चर्चा होगी, जिसमें कुछ और नेताओं को भी महत्वपूर्ण समायोजन दिया जा सकता है. इसका व्यापक असर भविष्य में बीजेपी पर असर दिखेगा.