उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के राजस्व रिकार्ड में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. यहां तैनात एसडीएम-तहसीलदार ने अपने अधिनस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर 75 बीघे जमीन अपने रिश्तेदारों के नाम कर दी है. एक स्थानीय व्यक्ति को इस गड़बड़ी की जानकारी हुई तो उसने डीएम फिरोजाबाद को शिकायत दी. इस शिकायत पर डीएम ने भी सीडीओ को जांच सौंपी और उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम तहसीलदार समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देते हुए पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
यह मामला जिले के सिरसागंज थाना क्षेत्र में रूधेनी गांव का है. इस गांव में 75 बीघे जमीन के मालिकाना हक में पिछले दिनों बदलाव किया गया था. यह जमीन तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार लेखपाल और दो अन्य अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम बयनामा कर दी गई थी. इसकी जानकारी होने पर योगेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने जिला अधिकारी से शिकायत की थी. इसमें बताया था कि जमीन विवादित है. इसका नाजायज लाभ उठाते हुए अधिकारियों ने इस जमीन की मल्कियत अवैध तरीके से अपने रिश्तेदारों के नाम करा दी है.
सीडीओ की जांच में सही पाए गए आरोप
यही नहीं, इस जमीन पर खड़ी फसल को कटवा कर आरोपियों ने जुताई करा दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तत्काल यह शिकायत सीडीओ को ट्रांसफर करते हुए विधिवत जांच करने के आदेश दिए. अब सीडीओ ने मामले की जांच की तो पाया कि योगेंद्र कुमार द्वारा लगाए गए सभी आरोप अक्षरस: सही हैं. सीडीओ ने डीएम को भेजी अपनी रिपोर्ट में सीधे तौर पर सिरसागंज के एसडीएम विवेक राजपूत, नायब तहसीलदार नवीन कुमार, लेखपाल अभिलाष सिंह, एसडीएम कोर्ट के रीडर प्रमोद कुमार शाक्य और राजस्व निरीक्षक मुकेश चौहान को जिम्मेदार बताया था.
एसडीएम तहसीलदार समेत 19 लोगों पर केस
जांच पूरी कर सीडीओ ने अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी. वहीं डीएम ने एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिख दिया. वहीं इस गड़बड़ी को अंजाम देने वाले गैर राजपत्रित अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. अब शासन के आदेश पर डीएम ने एसडीएम और तहसीलदार को भी निलंबित करते हुए उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. फिलहाल इस मामले में पुलिस ने एसडीएम तहसीलदार समेत 19 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.