Kirodi Lal Meena के आगे झुकता नजर आ रहा है BJP नेतृत्व, उन्होंने पार्टी से जो मांग की थी संभवतः वह मान ली जायेगी

Kirodi Lal Meena के आगे झुकता नजर आ रहा है BJP नेतृत्व, उन्होंने पार्टी से जो मांग की थी संभवतः वह मान ली जायेगी

राजस्थान भाजपा में चल रही उठापटक के बीच चर्चाएं गरम हैं कि संगठन में अनुशासन को लेकर पार्टी हाईकमान कोई सख्त फैसला ले सकता है और बड़बोले नेताओं को साइडलाइन किया जा सकता है। इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके किरोडी लाल मीणा को राजस्थान से हटाकर दिल्ली में कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है। दरअसल मंत्रिमंडल में शामिल कई वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के लिए मुश्किल बने हुए हैं। हम आपको बता दें कि इसी तरह का वाकया छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिला था इसलिए विष्णु देव साय मंत्रिमंडल में शामिल बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से सांसद बनाकर दिल्ली की राजनीति में ला दिया गया। माना जा रहा है कि यही फॉर्मूला राजस्थान में भी अपनाया जा सकता है।

हम आपको बता दें कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केरल से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद राजस्थान की राज्यसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। इस सीट पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए इस तरह की चर्चाएं हैं कि किरोडी लाल मीणा को राज्यसभा भेजा जा सकता है। बताया जा रहा है कि किरोडी लाल मीणा उसी पद पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं जिसे उन्होंने छोड़ दिया है। इस तरह की भी चर्चाएं हैं कि उन्हें राज्यपाल भी बनाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि कई राज्यों के राज्यपाल अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।

इसी प्रकार राजस्थान के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी विभिन्न पदों पर समायोजित किये जाने की चर्चाएं चल रही हैं। खासतौर पर 70 पार कर चुके नेताओं को भाजपा संगठन में महत्वपूर्ण पद दिये जाने की राजनीतिक चर्चाएं इस समय आम हैं। 70 पार कर चुके नेताओं में किरोडी लाल मीणा, ओम माथुर, वसुंधरा राजे, घनश्याम तिवाड़ी और देवी सिंह भाटी जैसे बड़े और महत्वपूर्ण नाम हैं। राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे राजेंद्र राठौड़ को भी कोई महत्वपूर्ण पद दिये जाने की चर्चा है। इस तरह की भी अटकलें हैं कि उन्हें सवाई माधोपुर में होने वाला विधानसभा उपचुनाव लड़वाया जा सकता है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में राजस्थान भाजपा की राजनीति क्या करवट लेती है।

जहां तक किरोडी लाल मीणा की बात है तो आपको बता दें कि पांच बार के विधायक और पूर्व राज्यसभा सदस्य किरोडी लाल मीणा दौसा और सवाई माधोपुर से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। वह राजस्थान के बड़े आदिवासी नेता हैं जिन्होंने कांग्रेस के परंपरागत मीना वोट बैंक को भाजपा से जोड़ा। हम आपको यह भी बता दें कि किरोडी लाल मीणा बार-बार यही कह रहे हैं कि उनकी संगठन या मुख्यमंत्री से कोई नाराजगी नहीं है और उन्होंने अपनी उस सार्वजनिक घोषणा के कारण इस्तीफा दिया है कि अगर पार्टी उनके अधीन वाली लोकसभा सीटें हारती है तो वे इस्तीफा दे देंगे। दरअसल किरोडी लाल मीणा ने दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, अलवर, टोंक-सवाई माधोपुर और कोटा-बूंदी समेत पूर्वी राजस्थान की सीट पर प्रचार किया था। भाजपा इनमें से भरतपुर, दौसा, टोंक-सवाईमाधोपुर और धौलपुर-करौली सीट कांग्रेस से हार गई।

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