भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिश्वतखोरी के आरोप में दक्षिण मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) समेत पांच रेलवे अधिकारियों की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद सोमवार को इस घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सीबीआई ने आरोपियों को पांच जुलाई, 2024 को गिरफ्तार किया। इन पर ‘‘विभिन्न निविदाओं के आवंटन, आवंटित कार्यों के निष्पादन और बिल के शीघ्र निस्तारण’ के लिए कथित रूप से भारी रिश्वत लेने का आरोप था। दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया कि मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। डीआरएम विनीत सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक कुंडा प्रदीप बाबू और वरिष्ठ मंडल इंजीनियर यू अक्की रेड्डी को भी गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने एक बयान मे बताया कि संघीय एजेंसी ने एक गुप्त सूचना के आधार पर सिंह द्वारा रिश्वत के रूप में लिये गए आभूषणों की सूची तैयार की और चार जुलाई तथा पांच जुलाई, 2024 को उनके आवासीय परिसर में तलाशी ली। इसमें एक हीरे जड़ित हार और हीरे जड़ित एक जोड़ी कर्णफूल बरामद किए गए। बयान के मुताबिक अन्य वस्तुओं के बारे में पूछे जाने पर, ‘‘विनीत सिंह ने बताया कि उन्होंने उक्त वस्तु को मुख्य शयनकक्ष से सटे एक कमरे से जुड़े शौचालय के वॉशबेसिन पेडस्टल के एक हिस्से के पीछे छिपाकर रखा और उन्होंने वह स्थान सभी उपस्थित लोगों को दिखाया, जहां उन्होंने वह वस्तु छिपाई थी।’’
अधिकारियों ने बरामद वस्तुओं को जब्त कर लिया। मौजूदा समय में एक मंडल में पदस्थापित डीआरएम ने कहा, ‘‘डीआरएम स्तर का एक रेलवे अधिकारी मंडल में कई करोड़ रुपये की परियोजनाओं को संभालता है। इसके अलावा, उन्हें बहुत अच्छा वेतन और भत्ते मिलते हैं। मैं यह समझने में असफल रहा कि उसे इस तरह के भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने के लिए किस बात ने मजबूर किया।’’ एक अन्य डीआरएम ने बताया, ‘‘रेलवे के इतिहास में ऐसा कम ही होता है कि डीआरएम को ठेके देने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया हो। मैं इसे शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण कहूंगा।’’
इस बीच, जनवरी 2024 में सिंह के संबलपुर रेल मंडल से गुंटुकुल में अचानक तबादले पर रेलवे कर्मचारी संघ हतप्रभ हैं। नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) के महासचिव एम राघवैया ने कहा, ‘‘गिरफ्तार डीआरएम विनीत सिंह को जनवरी 2024 में संबलपुर रेल मंडल (ईस्ट कोस्ट ज़ोन) से गुंटकल मंडल (दक्षिण मध्य रेलवे) में स्थानांतरित कर दिया गया था। यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि सिंह ने मनीष अग्रवाल की जगह ली, जिन्होंने गुंटकल में केवल छह महीने पूरे किए थे। उन्होंने एक साल भी पूरा नहीं किया था। मुझे नहीं पता कि इस अचानक स्थानांतरण के लिए क्या मजबूरी थी?’’ रेलवे अधिकारियों के अनुसार, एक डीआरएम सामान्यत: एक मंडल में दो वर्ष तक अपना कार्यकाल पूरा करता है।