जम्मू-कश्मीर में हाल की कुछ आतंकी घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के मददगारों और उन्हें पनाह देने वालों पर नकेल कस रही हैं तो यह बात गुपकार गठबंधन के नेताओं को रास नहीं आ रही है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में जनता की ओर से नकारी जा चुकी महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि सरकार लोगों के अधिकारों को कुचलने की कोशिश कर रही है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार का प्रयास ‘संवैधानिक अधिकारों को कुचलने और कानून के शासन को खत्म करने’ की कीमत पर नहीं होना चाहिए।
मामला क्या है?
हम आपको बता दें कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा था कि विदेशी आतंकवादियों की मदद करते हुए पाये जाने वाले स्थानीय लोगों से शत्रु एजेंट अध्यादेश के तहत निपटा जाएगा जो अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम से भी अधिक कठोर है। इसके विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर लिखा कि आतंकवादियों की सहायता करने के संदेह मात्र पर अपने ही नागरिकों के खिलाफ महाराजा काल के दमनकारी शत्रु अध्यादेश कानून को लागू करने का जम्मू-कश्मीर पुलिस का हाल का फैसला न केवल अत्यंत चिंताजनक है बल्कि यह इंसाफ का गला घोंटना वाला भी है।’’ उन्होंने कहा कि ये दमनकारी कानून ‘‘मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं तथा उसके तहत जिन सजाओं का प्रावधान है, वे संविधान में उल्लिखित इंसाफ के सिद्धांत एवं मूल्यों से बिल्कुल मेल नहीं खाते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा संबंधी चिंताओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार का प्रयास संवैधानिक अधिकारों को कुचलने और कानून के शासन को खत्म करने की कीमत पर नहीं होना चाहिए।’’
पुलिस का एक्शन जारी
बहरहाल, इन आलोचनाओं से बेपरवाह होकर प्रशासन अपना काम करने में लगा हुआ है। हम आपको बता दें कि इसी सप्ताह जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में पांच आतंकवादियों की एक करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गयी है। ये सभी पाकिस्तान से आतंकवादियों को दिशा-निर्देश देने में लिप्त हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, बारामूला पुलिस ने माननीय न्यायालय बारामूला द्वारा पारित कुर्की के आदेश के अनुरूप पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के पांच आकाओं की एक करोड़ रुपये की 1.125 एकड़ जमीन कुर्क कर ली है। बयान में कहा गया है, पुलिस द्वारा की गई जांच के दौरान यह पता चला कि यह संपत्ति आतंकवादियों की है। अधिकारियों ने बताया कि इन आतंकवादियों की पहचान बशीर अहमद गनी, मेहराजुद्दीन लोन, गुलाम मोहम्मद याटू, अब्दुल रहमान भट और अब्दुल राशिद लोन के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 83 के तहत की गई तथा आतंकवादियों को 2008 में दर्ज एक मामले में आरोपी बनाया गया।