New Delhi: अरविंद केजरीवाल को मिलेगी जमानत? ED की याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

New Delhi: अरविंद केजरीवाल को मिलेगी जमानत? ED की याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

अरविंद केजरीवाल को क्या आज जमानत मिलेगी या राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश पलटा जाएगा? दिल्ली हाईकोर्ट आज अहम फैसला सुनाने वाला है. दिल्ली हाईकोर्ट ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर अपना फैसला मंगलवार को सुनाएगा. ईडी ने अपनी याचिका में कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के राउज एवेन्यू के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट आज यानी मंगलवार 2:30 बजे के करीब फैसला सुनाएगा. बीते दिनों कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

वहीं, अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दायर अपनी लिखित दलील में जमानत आदेश का बचाव किया. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यदि उन्हें इस समय रिहा किया जाता है तो ईडी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि यदि हाईकोर्ट बाद में आदेश को रद्द करने का फैसला करता है तो उन्हें वापस हिरासत में भेजा जा सकता है. अरविंद केजरीवाल ने दलील दी कि ‘सुविचारित जमानत आदेश’ के क्रियान्वयन पर रोक लगाना जमानत रद्द करने की याचिका को एक तरह से स्वीकार करने के समान होगा.

हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

जस्टिस सुधीर कुमार जैन की अवकाशकालीन पीठ ने निचली अदालत के फैसले को ईडी द्वारा चुनौती दिये जाने के बाद 21 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था. उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाये जाने तक निचली अदालत के फैसले के क्रयान्वयन पर रोक लगा दी थी. आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था. वह तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे, यदि उच्च न्यायालय ने ईडी को अंतरिम राहत नहीं दी होती.

अरविंद को मिली थी जमानत

राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी. अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था. निचली अदालत ने साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह जांच में बाधा डालने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. ईडी ने दलील दी है कि निचली अदालत यानी राउज एवेन्यू कोर्ट का आदेश ‘विकृत’, ‘एकतरफा’ और ‘गलत’ था और निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे. जमानत आदेश पर रोक लगाने की याचिका के संबंध में सोमवार को दायर एक नोट में ईडी ने कहा कि निर्णय में कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धनशोधन के अपराध में आप नेता की ‘गहरी संलिप्तता’ को प्रदर्शित करने वाली सामग्री पर गौर नहीं किया गया.

अरविंद केजरीवाल की दलील

अरविंद केजरीवाल ने अपने लिखित दलील में कहा कि ईडी के दावे ‘स्पष्ट रूप से गलत, भ्रामक और छल-कपट और गलत बयानी के समान हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ईडी का बार-बार यह दावा कि उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिया गया और/या उसके सभी दलीलों पर विचार नहीं किया गया, शुरू में ही खारिज कर देने योग्य है. जैसा कि कहा गया है, जमानत देने वाला आदेश न केवल दोनों पक्षों की सभी प्रासंगिक दलीलों से जुड़ा है, बल्कि जमानत देने के कारणों को भी दर्शाता है, जो प्रत्येक पहलू पर अदालत द्वारा उचित विचार-विमर्श को दर्शाता है.’

राउज एवेन्यू कोर्ट ने क्या कहा?

अवकाशकालीन जज के रूप में स्पेशल जस्टिस न्याय बिंदु ने 20 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी. जज ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धनशोधन मामले में अपराध की आय से उन्हें जोड़ने वाले प्रत्यक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने में विफल रहा है. 21 जून को हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक स्टे लगा दिाय था और पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अरविंद केजरीवाल

अरविंद केजरीवाल ने अपनी जमानत पर अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए 26 जून की तारीख तय की और कहा कि वह इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय के आदेश की घोषणा की प्रतीक्षा करना चाहेगी. दिल्ली आबकारी नीति तैयार करने और इसके क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार की उपराज्यपाल ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके बाद 2022 में आबकारी नीति को रद्द कर दिया गया था. सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया.

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