भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल आज यानी की 13 जून को अपना 60वां जन्मदिन ना रहे हैं। गोयल का नाम मोदी सरकारी के उन मंत्रियों की लिस्ट में शामिल हैं, जिनके काम की तारीफ उनके विरोधी भी करते हैं। पीयूष गोयल ने अपने राजनीतिक करियर में अपने काम के जरिए कई उपलब्धियों को अपने नाम किया है। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
बता दें कि 13 जून 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में पीयूष गोयल का जन्म हुआ था। वह राजनीतिक घराने से ताल्लुक रखते हैं। गोयल के पिता का नाम वेद प्रकाश गोयल था, जोकि वाजपेयी सरकार में साल 2001 से 2003 तक केन्द्रीय मंत्री की भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा वेद प्रकाश गोयल ने पार्टी के कोषाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। वहीं पीयूष गोयल की मां चंद्रकांता गोयल भी मुंबई से तीन बार बीजेपी की विधायक रह चुकी हैं।
मोदी 3.0 कैबिनेट
पीयूष गोयल को मोदी 3.0 कैबिनेट में भी जगह दी गई है। इस बार उनको वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का पदभार सौंपा गया है। इससे पहले यानी की साल 2021 तक वह रेल मंत्रालय का पद संभाल चुके हैं। गोयल के पास कपड़ा, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के साथ-साथ कई अन्य मंत्रालयों की भी जिम्मेदारी रह चुकी है। वहीं साल 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी थी, तब वह बिजली, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।
रेल मंत्री
पीयूष गोयल ने रेलवे मिनिस्टर के पद पर रहते हुए कई ऐसे कदम उठाए, जिनकी चर्चा होती रहती है। साल 2017 में रेलवे मिनिस्टर का पद संभालते ही गोयल ने जीरो एक्सीडेंट पॉलिसी बनाई। इस पॉलिसी का असर यह हुआ कि गोयल के शुरूआती कार्यकाल के 22 महीने तक एक भी रेल हादसा नहीं हुआ। इसके साथ ही पीयूष गोयल ने ट्रेन एक्सीडेंट्स से हाथियों को बचाने के लिए प्लान बी की भी शुरुआत की थी।
विरोधी भी करते हैं तारीफ
पीयूष गोयल उन राजनेताओं की लिस्ट में शामिल हैं, जिनका सम्मान न सिर्फ खुद की पार्टी बल्कि विरोधी दल के नेता भी करते हैं। इसके पीछे गोयल का व्यवहार भी माना जाता है। पक्ष हो या विपक्ष पीयूष गोयल सभी से एक समान व्यवहार करते हैं। वह सभी नेताओं को बराबर सम्मान देते हैं।
लोकसभा चुनाव
पीयूष गोयल ने पहली बार उत्तर मुंबई सीट से लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव लड़ा और उन्होंने इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भूषण पाटिल को 3 लाख 57 हज़ार 306 वोटों के अंतर से हराया। यह पहला मौका है, जब जनता ने गोयल को चुनकर सीधे संसद भेजा है। इससे पहले साल 2010 से लेकर 2014 तक वब राज्यसभा सांसद के तौर पर चुने जाते रहे हैं।