लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे जहां से उन्हें प्रचंड जीत मिली. सांसद बनने के बाद अब अखिलेश ने विधायकी छोड़ने का फैसला किया है. अपने इस फैसले पर अमल करते हुए उन्होंने करहल विधानसभा सीट से विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर अपना त्यागपत्र भेज दिया है.
कन्नौज लोकसभा सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अब अखिलेश यादव राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहेंगे. एक दिन पहले मैनपुरी में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर अखिलेश ने करहल से विधायक पद छोड़ने का फैसला किया था. जिसके बाद अब वह लोकसभा में कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे. बुधवार को लखनऊ पहुंचे सपा प्रमुख ने विधायक पद से इस्तीफेकी कॉपी विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में भेज दी.
अवधेश प्रसाद ने विधायकी से दिया इस्तीफा
अखिलेश के साथ ही फैजाबाद सीट से पहली बार समाजवादी पार्टी से सांसद चुने गए अवधेश प्रसाद ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर विधानसभा से सपा विधायक थे. जो 9 बार से लगातार विधायक चुने जा रहे थे. लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के लल्लू सिंह को शिकस्त देकर जीत दर्ज की है. उनकी इस जीत की चर्चा चारों तरफ हो रही है.
नेता प्रतिपक्ष के नाम पर चर्चा तेज
वहीं अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद अब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की तरफ से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इस पर चर्चा तेज हो गई है. खबर है कि इसके लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव का नाम सबसे आगे है. इसके अलावा सपा विधायक राम अचल राजभर, इंद्रजीत सरोज, कमाल अख्तर जैसे नेताओं के नाम की भी चर्चा हो रही है.
समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक पर भी चर्चा
इसके साथ ही विधानसभा में समाजवादी पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा यह भी चर्चा में है. दरअसल समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक रहे मनोज पांडे के बीजेपी में शामिल होने के बाद ये यह पद भी खाली है. वहीं बुधवार को विधानसभा स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर लगी नेम प्लेट से मुख्य सचेतक मनोज पांडे का नाम हटा उसके आगे काला पेंट लगा दिया गया है.