अमेरिका और वेस्टइंडीज की ‘स्तरहीन’ पिचों के कारण टी20 वर्ल्डकप 2024 (T20 World Cup 2024) अब तक उस ऊंचाई को नहीं छू पाया है जैसी कि अपेक्षा थी. टूर्नामेंट के इस सीजन की पिचें अब तक बैटर्स के लिए मुसीबत ही साबित हुई हैं.इन्हें ‘बॉलर फ्रेंडली’ कहना भी शायद मुनासिब नहीं होगा क्योंकि ज्यादातर विकेट्स के ‘अनईवन बाउंस’ और ‘डबल पेस’ के कारण रन बनाना बेहद मुश्किल हो रहा है.यही नहीं, न्यूयॉर्क के विकेट पर तो बैटर चोटिल भी हो रहे हैं. रनों को लेकर बैटरों के संघर्ष का आलम यह है कि अब तक हुए 20 मैचों में केवल एक टीम-ऑस्ट्रेलिया ही 200 से अधिक स्कोर बना पाई है चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान (India Vs Pakistan) का रविवार का बहुप्रतीक्षित ‘महामुकाबला’ भी खराब विकेट के कारण लो स्कोरिंग रहा.यह मैच खेल का पूरा मजा तो नहीं दे सका लेकिन जिस तरह टीम इंडिया ने 119 रन के स्कोर को डिफेंड किया,उसने भारतीय फैंस को बेइंतहा खुशी जरूर दी है.
जीत के हीरो रहे जसप्रीत बुमराह
बेशक बैटिंग के लिए मुश्किल विकेट पर ऋषभ पंत ने 31 गेंदों पर 6 चौकों की मदद से 42 रन की पारी खेली लेकिन भारतीय जीत का यदि कोई एक हीरो रहा तो वे थे जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah).’जस्सी ‘ने 14 ओवर में चार विकेट खोकर 80 रन बनाकर मजबूती से टारगेट की ओर बढ़ रही पाकिस्तानी टीम के संकटमोचक रिजवान को बोल्ड करके मैच में भारतीय खेमे की उम्मीद जगाई और फिर खतरनाक इफ्तिखार अहमद को भी चलता करके मैच भारत के पक्ष में मोड़ दिया.मारक साबित होने के साथ-साथ वे हमेशा की तरह बेहद किफायती भी रहे.आसानी से रन न मिलने के कारण पाकिस्तान के बैटर दबाव में आ गए और विकेट गंवाने लगे.बुमराह की शानदार बॉलिंग को अर्शदीप सिंह ने बेकार नहीं जाने दिया.आखिरी ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 18 रन की दरकार थी लेकिन बाएं हाथ के इस बॉलर ने 11 रन देकर के साथ इमाद वसीम का विकेट भी झटका और पाकिस्तान के कदम 20 ओवर में 7 विकेट पर 113 रन तक जाकर रुक गए.
‘जस्सी’ के दो ओवरों ने मैच भारत की ओर मोड़ा
बुमराह की ओर से फेंका गया पारी का 19वां ओवर मैच का ‘टर्निंग प्वाइंट’ माना जा सकता है. 18 ओवर के बाद पाकिस्तान को जीत के लिए21 रन की दरकार थी और 5 विकेट शेष थे लेकिन बुमराह इस ओवर में बैटरों के लिए अबूझ पहली बने. इस ओवर में केवल 3 रन बने और इफ्तिखार का विकेट भी गिरा. 4 ओवर के अपने स्पैल में बुमराह ने महज 14 रन देकर 3 विकेट लिए और लगातार दूसरी बार ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ रहे.इससे पहले पारी के 15वें और अपने तीसरे ओवर में भी उन्होंने 3 रन देकर रिजवान को बोल्ड किया था.इन दो ओवरों ने बताया कि बुमराह को आखिरी क्यों मौजूदा समय का तीनों फॉर्मेट का सर्वश्रेष्ठ बॉलर माना जाता है? उन्होंने विकेट-टू-विकेट गेंद रखी और गति में बदलाव व वेरिएशंस से विपक्षी बैटरों को हाथ खोलने का मौका नहीं दिया.
बेहद घातक भी है और किफायती भी
सटीक रहने के साथ ही विकेट लेना हमेशा से बुमराह की बॉलिंग की ‘यूएसपी’ रही है. टी20 फॉर्मेट के क्रिकेट में दिग्गज बॉलर्स भी कई बार महंगे साबित होते हैं लेकिन तेज बॉलिंग के इस महारथी ने अपने अब तक के 64 टी20I के करियर में कभी 50 से अधिक रन नहीं दिए. अपने टी20I करियर में उन्होंने अब तक केवल 5 बार 40 से ज्यादा रन दिए हैं.अगस्त 2022 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद में उन्होंने चार ओवर में बिना विकेट लिए 50 रन दिए थे जो उनका सबसे खराब विश्लेषण है. 64 टी20I में 18.67 के औसत और 6.44 की इकोनॉमी से 79 विकेट उनके भारत के फास्ट बॉलिंग के सुपरस्टार होने का सबूत हैं.
टी20 वर्ल्डकप में 5.86 की इकोनामी
जनवरी 2016 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले बुमराह का करियर इंजुरी से प्रभावित रहा है.इस कारण वे तीन टी20 वर्ल्डकप (2016, 2021,2022) ही खेल पाए हैं जिसमें उन्होंने 12 मैचों में 16.75 के औसत और 5.86 की इकोनामी से 16 विकेट (आंकड़े पाकिस्तान के मैच तक के) लिए हैं.टी20 वर्ल्डकप का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/14 है जो उन्होंने 9 जून 2024 को पाकिस्तान के खिलाफ दिया.टी20 वर्ल्डकप में उन्होंने अब तक केवल एक मैच में ही 40 से अधिक रन (1/42, बनाम इंडीज, 2016) दिए हैं.
टेस्ट में कभी पारी में 100 या इससे ज्यादा रन नहीं दिए
बुमराह की यह श्रेष्ठता टी20 फॉर्मेट तक ही सीमित नहीं है.टेस्ट और वनडे में भी उनका गेंदबाजी औसत और इकोनॉमी जबर्दस्त है.36 टेस्ट में 20.69 के औसत और 2.74 की इकोनॉमी से उन्होंने 159 विकेट लिए हैं.टेस्ट फॉर्मेट में उन्होंने अब तक कभी भी पारी में 100 या इससे अधिक रन नहीं दिए. 89 वनडे में 23.55 के औसत और 4.59 की इकोनॉमी से 149 विकेट, देश के सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाज के तौर पर उनका दावा मजबूत करते हैं.