नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में 30 कैबिनेट मंत्रियों में से छह वकील हैं, तीन एमबीए डिग्री धारक हैं और 10 स्नातकोत्तर हैं, जिससे यह पेशेवरों का एक अच्छा मेल है। प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह उन लोगों में शामिल हैं जिनके पास स्नातकोत्तर डिग्री है। कानून की डिग्री रखने वाले छह लोगों में कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, जे पी नड्डा, पीयूष गोयल, सर्बानंद सोनोवाल, भूपेंद्र यादव और किरेन रीजीजू शामिल हैं।
स्नातकोत्तर डिग्रीधारी मंत्रियों में राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान, निर्मला सीतारमण, एस. जयशंकर, धर्मेंद्र प्रधान, डॉ. वीरेंद्र कुमार, मनसुख मांडविया, हरदीप सिंह पुरी, अन्नपूर्णा देवी और गजेंद्र सिंह शेखावत शामिल हैं। छह मंत्री स्नातक हैं जिनमें मनोहर लाल खट्टर, एच डी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, प्रह्लाद जोशी और गिरिराज सिंह हैं। मोदी ने रविवार को रिकॉर्ड तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके 72 सदस्यीय केंद्रीय मंत्रिपरिषद में युवा और अनुभव पर जोर देने के साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भागीदारों को इसमें जगह दी गई है।
इनमें से 33 पहली बार मंत्री बने हैं जिनमें से छह जाने-माने राजनीतिक परिवारों से आते हैं। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री - चौहान (मध्य प्रदेश), खट्टर (हरियाणा) और कुमारस्वामी (कर्नाटक) शामिल हैं। नए चेहरों में अभिनेता से राजनेता बने सुरेश गोपी भी शामिल हैं, जिन्होंने केरल से भाजपा के पहले लोकसभा सांसद बनकर इतिहास रच दिया। प्रधानमंत्री सहित मोदी मंत्रिमंडल में 81 सदस्यों की अधिकतम सीमा के मुकाबले 72 सदस्य हैं।