एक देश में जन्मा खिलाड़ी दूसरे देश के लिए खेले, यह कोई हैरानी वाली बात नहीं है. टी20 वर्ल्ड कप में ही हम देखेंगे कि भारत में जन्मे कई क्रिकेटर दूसरे देशों के लिए खेलेंगे. इसके लिए बाकायदा आईसीसी के नियम हैं. लेकिन नीदरलैंड्स ने नियम को ताक पर रखकर टी20 मैच में दूसरे देश के खिलाड़ी को अपनी टीम से उतार दिया.
नीदरलैंड्स महिला क्रिकेट टीम ने इटली को टी20 इंटरनेशनल मैच में 94 रन से हराया. डच टीम ने 4 विकेट पर 178 रन बनाए. इसके बाद विरोधी टीम को 9 विकेट पर 84 रन के स्कोर पर रोक दिया. नीदरलैंड्स की ओर से कप्तान बबेते डी लीड्स ने सबसे अधिक 82 रन बनाए. ओपनर मेडिसन लैंड्समैन 36 रन के साथ टीम की दूसरा टॉप स्कोरर रहीं. यह उनका पहला टी20 इंटरनेशनल मैच भी था.
दिलचस्प बात यह है कि मेडिसन लैंड्समैन मूलत: दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेटर हैं. उन्होंने 2019 में अंडर-19 महिला टी20 वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका का प्रतिनिधित्व किया था. इतना ही नहीं उन्होंने इस टूर्नामेंट में हैट्रिक भी ली थी.
20 साल की मेडिसन लैंड्समैन अब दक्षिण अफ्रीका छोड़कर नीदरलैंड्स में बस चुकी हैं. आईसीसी के नियमों के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी एक देश छोड़कर दूसरे देश से खेलना चाहे तो इसके लिए कम से कम दो साल का अंतराल होना चाहिए. जबकि मेडिसन लैंड्समैन ने पिछले साल जनवरी में ही दक्षिण अफ्रीका के लिए खेला था. इसलिए वे नीदरलैंड्स की ओर से खेलने के लिए जरूरी अंतराल पूरा नहीं हुआ था.
नीदरलैंड्स क्रिकेट बोर्ड ने खुद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी गलती मान ली है. उसने आईसीसी को भी इसकी जानकारी नहीं दी है. आईसीसी ने इस पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन माना जा रहा है कि इस गलती के लिए मेडिसन लैंड्समैन पर कुछ मैच का प्रतिबंध लग सकता है. 28 मई को खेले गए उस मैच को भी रद घोषित किया जा सकता है, जिसमें मेडिसन नीदरलैंड्स की ओर से उतरी थीं.