Voice Cloning Scam से बचने के लिए याद रखें ये बातें

Voice Cloning Scam से बचने के लिए याद रखें ये बातें

स्मार्टफोन के आने से लाइफ तो आसान हो गई है लेकिन टेक्नोलॉजी एडवांस होने के साथ ही कई मुश्किलें भी खड़ी होने लगी हैं. लोगों को ठगने वाले वाले टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर नए-नए रास्ते खोजने में जुटे हैं और इन्हीं में से एक है वॉयस क्लोनिंग स्कैम. बेशक स्मार्टफोन्स के आने से अब कई काम घर बैठे ही निपट जाते हैं, लेकिन वहीं अब दूसरी तरफ तेजी से बदल रही टेक्नोलॉजी की वजह से लोगों पर ठगी का खतरा भी मंडराने लगा है.

आज हम आपको कुछ जरूरी सवालों के जवाब देंगे जैसे कि क्या है वॉयस क्लोनिंग, किस तरह आप इसे पहचान सकते हैं और किस तरह से स्कैमर्स लोगों को ठगते हैं? कुछ समय पहले एक स्टडी से पता चला था कि लगभग 38 प्रतिशत भारतीय रियल और क्लोन वॉयस के बीच फर्क नहीं कर पाते हैं, यह एक चिंता का विषय है. टेक्नोलॉजी एडवांस होने की वजह से क्लोन की गई आवाज बिल्कुल रियल आवाज की तरह ही लगती है.

Voice Cloning कैसे होती है?

स्कैम करने वाले पहले तो एआई के जरिए आप लोगों के करीबी लोगों की आवाज को कॉपी करते हैं और फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से रियल वॉयस का क्लोन तैयार किया जाता है. आवाज का क्लोन तैयार होने के बाद स्कैम करने वाले आवाज का इस्तेमाल आपको डराने के लिए करते हैं. डराने का मकसद यह होता है कि डरा हुआ व्यक्ति बिना सोचे-समझे कोई भी कदम उठा बैठता है.

Scammers ऐसे रचते हैं पूरा खेल

स्कैमर्स कॉल करते हैं और फिर उस आवाज को सुनाते हैं, आवाज कोई भी हो सकती है जैसे कि मम्मी-पापा मुझे बचा लो. इस आवाज को सुनकर कोई भी डर जाएगा, इसके बाद आपके बच्चे को छोड़ने की एवज में आप लोगों से मोटी रकम की मांग की जाती है. इसके बाद लोग बिना सोचे-समझे स्कैमर्स के बताए अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने की गलती कर बैठते हैं. पैसे मिलते ही स्कैमर्स की चाल कामयाब हो जाती है.

Voice Cloning: इन बातों का रखें ख्याल

एआई से तैयार की गई वॉयस क्लोनिंग आवाज को पहचाना बेशक मुश्किल हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं. अगर किसी अनजान व्यक्ति का आपको कॉल आए और आपका कोई करीबी आपसे पैसों की मदद मांगे तो सावधान हो जाएं.

दूसरे फोन से उस व्यक्ति को कॉल मिलाए जिसकी आवाज आपको सुनाई दे रही है. पैसे भेजने में जल्दबाजी न दिखाएं, पहले सामने व्यक्ति के बारे में जान लें. अगर दूसरे फोन से आपकी बात उस व्यक्ति से हो जाती है जिसकी आवाज आपको सुनाई दी तो इसका मतलब यह है कि जिस अनजान नंबर से आपको कॉल आया वो कॉल फेक है. टेक्नोलॉजी जितनी मर्जी एडवांस हो जाए, लेकिन हू-ब-हू आवाज निकालना मुश्किल है. अगर आप आवाज को ध्यान से सुनेंगे तो आप रियल और फेक वॉयस के बीच अंतर को समझ पाएंगे.

Cyber Crime Helpline Number

आपके साथ भी अगर साइबर फ्रॉड जैसी घटना होती है तो आप लोगों को बिना वक्त गवाएं तुरंत साइबर क्राइम नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करनी चाहिए.

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