New Delhi: 35 लोगों के एक हत्यारे पर नहीं चल सकेगा कोई केस, राजकोट गेमिंग जोन मामले में आया बड़ा अपडेट

New Delhi: 35 लोगों के एक हत्यारे पर नहीं चल सकेगा कोई केस, राजकोट गेमिंग जोन मामले में आया बड़ा अपडेट

अहमदाबाद: राजकोट स्थित टीआरपी गेमिंग जोन में लगी आग से गुजरात समेत पूरा देश दहल उठा. एक झटके में खुशियों का पल मातम में बदल गया. देखते ही देखते टीआरपी गेमिंग जोन अग्निकांड में 35 लोगों की मौत हो गई. जिन लोगों की वजह से 35 लोगों की जिंदगी खत्म हुई है, उनमें से एक पर कोई केस नहीं चल सकेगा. जी हां, राजकोट गेमिंग जोन के मालिकों में से एक की मौत हो चुकी है. टीआरपी गेमिंग जोन के मुख्य मालिक प्रकाश हिरन की भी आग की चपेट में आने से मौत हो गई थी. डीएनए के मिलान से इस बात की पुष्टि हुई. टीआरपी गेमिंग जोन को वह पांच पार्टनर संग मिलकर चला रहा था.

भले ही टीआरपी गेमिंग जोन को छह पार्टनर मिलकर चला रहे थे. मगर इसमें प्रकाश हिरन की अच्छी खासी हिस्सेदारी थी. अग्निकांड के वक्त प्रकाश हिरन घटनास्थल पर ही देखे गए थे. इस बात की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से भी हुई है. बताया जा रहा है कि प्रकाश हिरन ही मुख्य आरोपी था और सबसे अधिक उसी का पैसा गेमिंग जोन में लगा था. पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अब तक इस केस में पुलिस ने चार आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है. गुजरात पुलिस ने मंगलवार को टीआरपी गेम जोन के एक और साझेदार को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपी धवल ठक्कर ‘धवल कॉरपोरेशन’ का मालिक है, जो रेसवे एंटरप्राइजेज के पांच साझेदारों के साथ टीआरपी गेम जोन चलाता था.

धवल ठक्कर अरेस्ट

बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाणा ने बताया कि धवल कॉर्पोरेशन के मालिक धवल ठक्कर को पड़ोसी राजस्थान के आबू रोड से गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही शनिवार को हुई इस घटना के संबंध में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मकवाणा ने बताया कि ठक्कर को गत रात राजकोट और बनासकांठा पुलिस द्वारा चलाए गए एक संयुक्त अभियान में आबू रोड से गिरफ्तार किया गया. अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बी पी ठाकर की अदालत ने धवल ठक्कर को 10 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

कौन-कौन गिरफ्तार

इससे पहले पुलिस ने रेसवे इंटरप्राइज में साझेदार युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ और गेम जोन के प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया था. उन्हें सोमवार को राजकोट की एक अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया था कि आरोपी व्यक्ति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और गोल-मोल जवाब दे रहे हैं. पुलिस ने मामले में आग लगने की इस घटना के संबंध में छह लोगों- ठक्कर, सोलंकी, राठौड़ और रेसवे इंटरप्राइज के साझेदारों अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा और प्रकाशचंद हिरन के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है.

किस धारा में मुकदमा दर्ज

एफआईआर के अनुसार, आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 337, 338 और धारा 114 के तहत मामला दर्ज किया गया है. राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है और प्रत्येक मृतक के परिजन को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. केंद्र सरकार ने भी प्रत्येक मृतक के परिजन को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

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