उत्तर प्रदेश के बरेली में साइबर ठगी के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. यहां एक महिला डॉक्टर को धमकी देकर साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया. अपराधी डॉक्टर को ईडी का अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दे रहे थे. महिला डॉक्टर ने बताया कि वह लगभग ढाई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रही.
महिला डॉक्टर ने बरेली के आईजी राकेश कुमार से पूरे मामले की शिकायत की है. इसके बाद आईजी ने साइबर थाने की पुलिस को कार्रवाई का निर्देश दिया है. अब साइबर थाने की दरोगा शालू यादव पूरे मामले की जांच कर रही हैं. पूरा मामला कोतवाली क्षेत्र के रामपुर गार्डन का है. यहां मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर चीना गर्ग का कहना है कि रविवार को एक कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को लखनऊ में ईडी का अधिकारी बताया और कहा कि उसका मोबाइल नंबर नवाब मलिक के मनी लॉन्ड्रिंग केस में इस्तेमाल हुआ है. अपराधी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी.
महिला डॉक्टर ने स्विच ऑफ कर लिया मोबाइल
डॉक्टर के मुताबिक, उसने बात कर रहे शख्स का फोन काट दिया, तो दूसरे नंबर से फिर कॉल आई, कहा कि अगर कॉल काट रही हो तो आप फंस सकती हो. आपसे पूछताछ की जाएगी. महिला डॉक्टर का कहना है कि वीडियो कॉल पर पुलिस की वर्दी में बैठे एक युवक से भी बात कराई. उस युवक के पास में एक और आदमी बैठा हुआ था, कहा गया कि इसी आदमी को गिरफ्तार किया गया है. इसलिए आपसे पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है. आपको सीबीआई और ईडी अरेस्ट कर सकती है, इसलिए आप कॉल मत काटना. महिला डॉक्टर ने आईजी को बताया कि वह काफी घबरा गई थी. ठग उससे बैंक खातों व मोबाइल नंबरों की जानकारी मांग रहे थे. उसने कॉल काटकर अपना मोबाइल ही स्विच ऑफ कर लिया.
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
साइबर अपराधी खुद को बड़ा अधिकारी बताते हैं, फिर पीड़ित को धमकाकर उनसे पैसों की डिमांड करते हैं. इस दौरान अपराधी इस तरह दहशत का माहौल बना देते हैं कि पीड़ित किसी को कुछ भी नहीं बता पाता. मतलब कि एक तरह से घर में पूरी तरह से कैद हो जाता है.
क्या बोले आईजी?
आईजी डॉ राकेश सिंह ने बताया कि साइबर ठग तरह तरह से लोगों को भ्रमित कर उनकी कमाई लूट रहे हैं. इसलिए जागरूकता ही सबसे बेहतर बचाव है. महिला डॉक्टर ने हिम्मत दिखाकर कॉल काट दी और तत्काल पुलिस की मदद ली. दूसरों को भी ऐसी स्थिति में हिम्मत से काम लेना चाहिए.