UP: लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में सब कुछ दांव पर, प्रियंका-डिंपल के बाद अखिलेश-राहुल आज वाराणसी में झोंकेगे ताकत

UP: लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में सब कुछ दांव पर, प्रियंका-डिंपल के बाद अखिलेश-राहुल आज वाराणसी में झोंकेगे ताकत

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का प्रचार थमने से पहले राजनीतिक पार्टियां अपना पूरा दमखम दिखाना चाहती हैं. मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव वाराणसी में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. यूपी के दोनों लड़के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अजय राय के लिए प्रचार करेंगे. उनकी ये रैली प्रियंका गांधी और डिंपल यादव के रोड शो के बाद हो रही है.

अजय राय को इस हाई-प्रोफाइल सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़ा किया गया है. वह लगातार तीन बार हार चुके हैं और हार की हैट्रिक लगाई है. कांग्रेस ने उन्हें चौथी बार भी टिकट दिया है, जबकि पीएम मोदी जीत की हैट्रिक लगाने उतरे हैं. बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त है कि प्रधानमंत्री एक बार फिर से रिकॉर्ड वोटों के अंतर से जीत हासिल करेंगे.

अखिलेश यादव और राहुल गांधी के लिए कांग्रेस ने नदेसर इलाके के कटिंग मेमोरियल इंटर कॉलेज ग्राउंड में सभा के लिए जिला प्रशासन से इजाजत मांगी थी. कांग्रेस मीडिया सेल के उपाध्यक्ष मनीष हिंदवी सेल अन्य सदस्यों के साथ मेगा रैली की तैयारियों की निगरानी के लिए वाराणसी में डेरा जमाए हुए हैं. कांग्रेस सेवा दल के प्रमुख प्रमोद पांडे का कहना था कि प्रयागराज की घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं, जहां उनकी संयुक्त रैली में हंगामा होने और भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके बाद राहुल और अखिलेश को बिना भाषण दिए ही लौटना पड़ा था.

जेपी नड्डा ने वाराणसी में जातिवादी राजनीति पर किया हमला

इधर, प्रधानमंत्री के वाराणसी से चुनाव लड़ने की वजह से ये हॉट सीट बनी हुई है. पीएम मोदी खुद चुनाव प्रचार कर चुके हैं. बीते दिन पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा कल वाराणसी पहुंचे. उन्होंने काशी विश्वनाथ और काल भैरव सहित कई प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन किया. उन्होंने एक बाद एक कई कार्यक्रम और बैठकें कीं. नड्डा ने विपक्ष की जातिवादी राजनीति पर हमला किया और कहा कि 10 सालों में पीएम ने राजनीति की दिशा ही बदल डाली.

जेपी नड्डा ने कहा कि 10 साल पहले कोई भी कैंडिडेट खड़ा होता था तो पहला प्रश्न होता था कौन जाति का है, कौन धर्म का है, मैदान का है कि पहाड़ का है, नदी के इस पार का है कि उस पार का है, अगड़ा है कि पिछड़ा है, हिंदू है कि मुस्लिम है? ये पॉलिटिकल स्ट्रेटजी थी. 10 साल बाद आज कोई नहीं पूछता जाति, सब मोदी जी के नेतृत्व में मानते हैं कि विकासवाद ही देश को आगे ले जाने का मंत्र है.

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