लखनऊ: आम चुनाव के नतीजों का काउंटडाउन शुरू होने वाला है क्योंकि लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम सातवें चरण की ओर बढ़ गया है। पहली जून को सातवें चरण में यूपी की 13 सीटों के लिए मतदान होना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी और सीएम योगी के गृहक्षेत्र गोरखपुर समेत वो सीटें शामिल हैं जिन पर एनडीए के सहयोगियों का प्रभाव हैं। ऐसे में इस चरण उनकी सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा होगी कि वे इस क्षेत्र में कितना असर दिखा पाते हैं। पहली को सातवां चरण पूरा होने के बाद सबकी नजर चार जून के नतीजों पर रहेगी, लेकिन इससे पहले पूर्वांचल में सातवें दौर में बीजपी के साथ-साथ उसके गठबंधन सहयोगियों की भी सियासी हनक-धमक की परीक्षा होगी। पूर्वांचल की ये सीटें पिछड़ी जातियों के समीकरणों से बंटी हुई है। यहां के जातीय समीकरण को साधने के लिए बीजेपी का अपना दल एस, ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निषाद पार्टी से गठबंधन हैं।
सातवें चरण में बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी अपना दल सोनेलाल की ताकत का खासकर आकलन होना है। अपना दल सोनेलाल का 2014 से बीजेपी के साथ गठबंधन हैं। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इस बार भी मिर्जापुर सीट से चुनाव लड़ रही है। लेकिन, इस बार उनकी लड़ाई थोड़ी मुश्किल दिखाई दे रही है। सपा ने यहां भदोही से बीजेपी सांसद रमेश बिंद को टिकट दिया है। वहीं दूसरी तरफ उनकी बहन पल्लवी पटेल ने भी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन कर अपना दल कमेरावादी का प्रत्याशी उतार दिया है।
उधर कुंडा से विधायक राजा भैया की भी अनुप्रिया पटेल से नाराजगी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह अनुप्रिया का वो बयान बना जिसमें उन्होंने कहा था कि अब राजा रानी के पेट से पैदा नहीं होता। राजा भैया के समर्थक भी इस सीट पर सपा के साथ दिख रहे हैं। मिर्जापुर के अलावा रॉबर्ट्सगंज सीट भी अपना दल एस के खाते में हैं, जहां से रिंकी कोल मैदान में है। सपा ने इस सीट से बीजेपी के पूर्व सांसद छोटेलाल खरवार को उतारकर चुनौतियां बढ़ा दी है।
सातवें चरण में योगी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की परीक्षा हैं। जहां घोसी सीट से उनके बेटे अरविंद राजभर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर राजभर के साथ सपा छोड़कर आए दारा सिंह चौहान को भी अपना दम दिखाना होगा, जिन्हें उपचुनाव में हार के बावजूद यूपी सरकार में मंत्री पद दिया गया है। सपा की ओर से राजीव राय मैदान में है। बसपा ने बालकृष्ण चौहान को टिकट दिया है। पिछली बार 2019 में यहां बसपा के अतुल प्रधान ने जीत दर्ज की थी।
बात संतकबीर नगर सीट में वोटिंग की कि जाये तो इस सीट पर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद चुनाव मैदान में हैं, वो बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर निषाद समाज के मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद हैं। ऐसे में संजय निषाद पर निषाद वोटों को एकजुट कर एनडीए के पक्ष में वोट कराने की जिम्मेदारी होगी। यहां सपा ने भी पप्पू निषाद को टिकट दिया है।