17 दिसंबर 2019 और उत्तर प्रदेश का बिजनौर कोर्ट… अदालत में पेशी के लिए आए एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. यह केस चार साल तक चला. अब कोर्ट ने इस केस पर फैसला सुना दिया है. अदालत ने एक दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
17 दिसंबर 2019 को बिजनौर कोर्ट मेंं फायरिंग हुई थी. इस दौरान दिल्ली पुलिस की हिरासत में पेशी पर आए शाहनवाज नाम के युवक की मौत हो गई. शाहनवाज को निशाना बनाकर फायरिंग की गई थी,उसे करीब 12 गोलियां लगी थी. इस केस में 23 मई को सजा का ऐलान हुआ है. शाहनवाज हत्याकांड में आरोपी सुमित कुमार को जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.सुमित ने ही कोर्ट रूम में गोलियां चलाईं थीं. इसके अलावा उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
भरी अदालत में मारी गोली
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने शाहनवाज और जब्बार नाम के दो युवकों को बिजनौर कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश किया था.अदालत में जज के सामने मुकदमे पर बहस चल रही थी तभी भरी अदालत में मौजूद सुमित, साहिल और अकरम ने शाहनवाज पर फायरिंग कर दी.अदालत में अचानक फायरिंग होने से भगदड़ मच गयी शाहनवाज का साथी जब्बार भगदड़ का फायदा उठाकर भाग निकला.इस हादसे में अदालत में मौजूद पुलिस को भी गोली लगी थी. वहीं, घटना के बाद तीनो हमलावरो ने कोर्ट में ही खुद को सरेंडर कर दिया था.
दो आरोपियों पर नहीं आया फैसला
घटना के दौरान गोली मारने वाले तीनो हमलावरो में से दो (साहिल और अकरम)नाबालिग थे. इस दौरान तीसरे आरोपी यानि सुमित की उम्र बीस साल थी.तीनों के पास से हमले में इस्तेमाल की गई पिस्टल भी बरामद की गई थी. साहिल और अकरम पर हाईकोर्ट की तरफ से कार्रवाई पर स्टे चल रहा है इसलिए न्यायालय ने उन दोनो पर अभी कोई फैसला नहीं सुनाया.
क्या बताया वकील ने?
इस दौरान वकील मुकेश चौहान ने बताया कि हमने अदालत में हुए इस सनसनीखेज हत्याकांड पर आरोपी को फांसी की सजा की मांग की थी लेकिन अदालत ने इसे ‘रेयरेस्ट आफ रेयर’ केस नहीं मानते हुए अवैध हथियार रखने, जानलेवा हमला करने व हत्या करने का दोषी मान कर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं, दो अन्य आरोपियों को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है इसलिए साहिल और अकरम के खिलाफ कोई फैसला नहीं हुआ है.