पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच जबरदस्त झगड़ा मचा है। दिल्ली में भले ही दोनों दल एक दूसरे के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन पंजाब में दोनों दल एक दूसरे को हराने की नई-नई जुगत लगा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी छोड़ने वालों की भी लाइन लग गई है। पंजाब में कांग्रेस के कई बड़े नेता पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। वहीं पंजाब की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी में भी भगदड़ मची है। इन दोनों पार्टियों के नेताओं के लिए बीजेपी सबसे मुफीद ठिकाना बनी हुई है। 21 मई को एक और बड़े नेता ने आम आदमी पार्टी को टाटा कह दिया, जिससे दिल्ली में बैठे अरविंद केजरीवाल की टेंशन और बढ़ गई है। पंजाब में लोकसभा चुनाव में वोटिंग से पहले ही आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़ 21 मई को बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने बरार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कराई। एक साल पहले ही वो शिरोमणि अकाली दल छोड़ कर आप में शामिल हुए थे। आम आदमी पार्टी की तरफ से दरकिनार किए जाने की वजह से जगबीर बराड़ नाराज चल रहे थे। बराड़ ने दिल्ली में कहा कि मोदी जी ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला। उनकी राजनीति से प्रभावित हूं। मैं चाहता हूं कि बीजेपी का आशीर्वाद पंजाब पर बना रहे। पीएम का आशीर्वाद पंजाब पर बना रहे और राज्य का विकास होता रहे।
पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के चचेरे भाई बराड़ जालंधर में ब्लॉक विकास और परियोजना अधिकारी के रूप में तैनात थे। मनप्रीत को 2007 में जालंधर कैंट निर्वाचन क्षेत्र से शिअद का टिकट दिलाया था। टिकट दिलाया था, जिस सीट पर उन्होंने जीत हासिल की थी। जब मनप्रीत ने विद्रोह किया और पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब (पीपीपी) का गठन किया, तो बराड़ उनके साथ शामिल हो गए। 2022 के चुनावों से पहले, वह अगस्त 2021 के तीसरे सप्ताह में शिअद में लौट आए। सुखबीर सिंह बादल ने उनके आवास का दौरा किया और जालंधर कैंट से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की और उन्हें महासचिव नियुक्त किया। हालाँकि, बराड़ हॉकी के दिग्गज परगट सिंह से हार गए। बाद में जब बादल ने एक नई संरचना की घोषणा की, तो बराड़ को शिअद का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।