पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नंदुरबार में सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा नकली शिवसेना वालों को गरीब से कितनी नफरत है, ये इन्होंने फिर बताया है। ये नकली शिवसेना वाले मुझे जिंदा गाड़ने की बात कर रहे हैं। एक तरफ कांग्रेस है, जो कहती है - मोदी तेरी कब्र खुदेगी, दूसरी तरफ ये नकली शिवसेना मुझे जिंदा गाड़ने की बात करती है। मुझे गाली देते हुए भी ये लोग तुष्टिकरण का पूरा ध्यान रखते हैं। नकली एनसीपी और नकली शिव सेना ने कांग्रेस में विलय का फैसला किया है। मैं कहूंगा कि हमारा समर्थन करना और जीतना कांग्रेस का समर्थन करने और 4 जून के बाद हारने से बेहतर है। 13 मई को आपका वोट कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को जवाब देगा। हमारा समर्थन करें, और महाराष्ट्र को विकास अपनाने में मदद करें।
आज ये गरीब का बेटा, आपका सेवक बनकर प्रधानमंत्री के पद पर जब काम कर रहा है। तो ये गरीब विरोधी मानसिकता वाले, शाही परिवार की मानसिकता वाले, इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। प्रभु राम ने सिखाया है - अपि स्वर्णमयी लंका न मे लक्ष्मण रोचते। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी॥ अर्थात हमारी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है। ऐसे प्रभु राम को कांग्रेस Idea of India के खिलाफ मानती है। ये लोग अहंकार से इतने भरे हुए हैं कि गरीब इनके लिए कोई मायने नहीं रखता।। कांग्रेस का एजेंडा कितना खतरनाक है, शहजादे के गुरु ने इसका भी खुलासा किया है। शहजादे के गुरु ने अमेरिका से कहा है कि राम मंदिर का निर्माण और रामनवमी का उत्सव भारत के विचार के खिलाफ है।
कांग्रेस के शहजादे के गुरु अमेरिका में रहते हैं, उन्होंने भारत के लोगों पर रंगभेदी टिप्पणी की है। जिनका रंग भगवान कृष्ण जैसा होता है, कांग्रेस उन्हें अफ्रीकन मानती है। इसलिए द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति बनना उन्हें मंजूर ही नहीं था। आप सभी जानते हैं कि भाजपा और NDA ने आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाया। लेकिन आपको याद रखना चाहिए कि वो कौन लोग थे, जिन्होंने आदिवासी बेटी द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति का चुनाव हराने के लिए रात-दिन एक कर दिए थे। ये कांग्रेस वाले थे, जिन्होंने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए रात-दिन एक कर दिए थे। अमेरिका में रहने वाले गुरुओं में से एक शहजादा ने भारतीयों पर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और नस्लवादी टिप्पणी की है। भगवान कृष्ण के समान रंग वाले लोगों को कांग्रेस अफ्रीकी मानती है। इसीलिए कांग्रेस पार्टी द्रौपदी मुर्मू जी को देश के माननीय राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहती थी।