भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने बुधवार को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि कहा कि यदि देश को कांग्रेस के हवाले छोड़ दिया गया तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं बचेगा। अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “1950 और 2015 के बीच हिंदुओं की हिस्सेदारी 7.8% कम हो गई। मुस्लिम आबादी 43% बढ़ गई। दशकों के कांग्रेस शासन ने हमारे साथ यही किया। उन्हें छोड़ दिया जाए तो हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं होगा।”
अमित मालवीय की यह टिप्पणी ईएसी की उस रिपोर्ट के बीच आई है जिसमें कहा गया है कि भारत में 1950 से 2015 के बीच बहुसंख्यक हिंदू आबादी की हिस्सेदारी में 7.82 फीसदी (84.68 फीसदी से 78.06 फीसदी) की कमी आई है, जबकि मुस्लिमों की हिस्सेदारी जनसंख्या, जो 1950 में 9.84 प्रतिशत था, 2015 में बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गया, यानी उनकी हिस्सेदारी में 43.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस बीच, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी हिंदू आबादी में कमी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि पार्टी की मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के कारण मुस्लिम आबादी में कमी आई है।
एएनआई से बात करते हुए, केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, यह चिंता का विषय है और जनसंख्या में यह असंतुलन - मुस्लिम आबादी में वृद्धि और हिंदू आबादी में गिरावट, कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टीकरण के कारण हुआ है। मौर्य ने आगे कहा, “कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम लीग की तरह काम किया और इसलिए, देश में जनसंख्या में असंतुलन देखा गया। इसीलिए, देश को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की जरूरत है... हिंदुओं की तरह, मुस्लिम भी केवल एक ही व्यक्ति से शादी करेंगे। ये नहीं कि हम 5 और हमारे 25 के फॉर्मूले से संतुलन बिगड़े, और फिर देश में एक और पाकिस्तान की मांग उठने लगती है। ऐसी चीजें होने से रोकने के लिए समान नागरिक संहिता जरूरी है।