दहशत फैलाने की नीयत से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला कुणाल सिंह अपने अपराध कर्मों के कारण आज सलाखों के पीछे है. इसके किये कुकर्मों के कारण व्यवहार न्यायालय के न्यायधीश देवराज त्रिपाठी ने इसे उम्र कैद की सजा सुनाई है. कुणाल सिंह की लंबाई भले ही अधिक नहीं है, लेकिन अपराध की लिस्ट काफी लंबी है. इस पर अपहरण, फिरौती, मर्डर और धमकी देने के साथ कई गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं. आइये इसके कुकर्मों की फेहरिस्त और इसके किये कांडों के बारे में जानते हैं.
पिपरा कोठी थाने के कुड़िया गांव का निवासी कुणाल सिंह ने अपराध की दुनिया में इसलिए कदम रखा ताकि दहशत फैलायी जा सके और लोगों को डराया जा सके. अपने इसी फितूर के कारण उसने अपराध करना शुरू कर दिया. बाद में वह इलाके का बड़ा क्रिमिनल बन गया. खास तौर पर उसका आपराधिक कद तब और बढ़ गया जब बेतिया जेल में बंद बबलू दुबे की हत्या उसने करवाई. कुणाल सिंह ने अपनी पंचायत के मुखिया की भी हत्या करवा दी थी. वहीं, मुखिया के बेटे को भी रास्ते से हटा दिया था.
कुणाल सिंह का आपराधिक दायरा बढ़ा तो उसके और उसके शागिर्दों की तो ठेकेदारी में भी दिलचस्पी आने लगी थी. बाद में पुलिस की दबिश बढ़ी तो उसके घर से एक-47, विदेशी पिस्टल, मैगजीन के साथ-साथ कई और सामान भी मिले थे. उसे इसी मामले में सजा हुई है. सजा सुनाते समय कुणाल सिंह की पत्नी और उनके बच्चे भी वहां पहुंचे थे. सभी की आंखें नम जरूर हो गई थीं, लेकिन कुणाल सिंह ने जिन लोगों की मांग को सूना किया था या जिनकी गोद उजाड़ दी थी, उन लोगों ने राहत की सांस ली.
कुणाल सिंह पर 17 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. कुणाल सिंह का आपराधिक सम्राज्य मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण और वैशाली के जिले में बाहर भी फैला था. उसकी तूती बोलती थी. वहीं कुणाल सिंह के वकील पवन कुमार ने व्यवहार न्यायालय के फैसले के विरोध में उच्च न्यायालय में चुनौती देने की रणनीति बनाई है.