दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई और बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। एलजी विनय सक्सेना ने आतंकी जांच की सिफारिश की है। आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंड लेने का आरोप अरविंद केजरीवाल पर लगा है। एलजी की तरफ से यह सिफारिश प्रवासी-आधारित हिंदू वकालत संगठन, वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के आशू मोंगिया की शिकायत के आधार पर की गई थी। मोंगिया ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को देविंदर पाल भुल्लर की रिहाई में मदद करने और खालिस्तानी समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए एसएफजे से 16 मिलियन डॉलर मिले।
सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) क्या है?
एसएफजे की स्थापना 2007 में अमेरिका स्थित वकील गुरपतवंत सिंह पन्नून ने की थी, जो वर्तमान में 40 वर्ष के हैं। अपनी वेबसाइट के अनुसार, एसएफजे भारत के कब्जे वाले पंजाब में अपनी ऐतिहासिक मातृभूमि में सिख लोगों के लिए आत्मनिर्णय हासिल करना चाहता है, और एक संप्रभु राज्य स्थापित करना चाहता है, जिसे खालिस्तान के नाम से जाना जाता है। कनाडाई पत्रकार और ब्लड फॉर ब्लड: फिफ्टी इयर्स ऑफ द ग्लोबल खालिस्तान प्रोजेक्ट (2021) के लेखक टेरी मिल्वस्की ने पहले बताया था, इसका गठन इस स्पष्ट मान्यता के साथ किया गया था कि हिंसा का वांछित उपयोग खालिस्तान आंदोलन की कमजोर कड़ी थी।
गुरपतवंत सिंह पन्नून कौन हैं?
गुरपतवंत सिंह पन्नून का जन्म अमृतसर में हुआ और उसने पंजाब विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया। उसका परिवार 1947 में विभाजन के दौरान पाकिस्तान से अमृतसर के खानकोट गांव में आकर बस गया था। उसके पिता महेंद्र सिंह (अब दिवंगत) पंजाब में एक कंपनी में काम करते थे। पन्नून का एक भाई मगवंत सिंह है, जो विदेश में रहता है। पन्नुन वर्तमान में अमेरिका में कानून के वकील हैं। वह अमेरिका स्थित अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से जुड़ा है, जो पंजाब को भारत से खालिस्तान के रूप में विभाजित करने का समर्थन करता है। वह एसएफजे का चेहरा और इसके कानूनी सलाहकार हैं।
भारत को डिवाइड करने की पन्नुन की योजना
खुफिया रिपोर्ट पन्नू की आकांक्षाओं की भयावह तस्वीर पेश करती है। इसमें आरोप लगाया गया है कि उनका लक्ष्य भारत को धार्मिक आधार पर कई देशों में विभाजित करना है। उसकी प्रस्तावित संस्थाओं में से एक मुस्लिम राज्य है, जिसे वह डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ उर्दूस्तान के रूप में देखता हैं। इसके अतिरिक्त, पन्नून कश्मीर के लोगों को कट्टरपंथी बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है, जिसका अंतिम लक्ष्य इस क्षेत्र को भारत से अलग करना है। पन्नून ने एक बार दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर खालिस्तानी झंडा फहराने की धमकी भी दी थी।