महाराष्ट्र में लगातार प्रचार रैलियों में शरद पवार की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भटकती आत्मा शब्द के कारण राकांपा (सपा) प्रमुख ने मंगलवार को घोषणा की कि वह वास्तव में एक बेचैन आत्मा हैं जो संकटग्रस्त किसानों और संघर्ष कर रहे नागरिकों के दर्द को कम करना चाहते हैं। पुणे जिले की जुन्नार तहसील में राकांपा (सपा) उम्मीदवार अमोल कोल्हे के लिए एक रैली में पवार ने कहा कि आम नागरिकों की चिंताओं को उठाने के लिए, यदि आवश्यक हुआ तो यह आत्मा 100 बार बेचैनी दिखाएगी।
बाद में पवार ने पुणे में एक समाचार एजेंसी से कहा कि वह पहले अवसर पर पीएम से पूछेंगे कि वह भटकती आत्मा के रूप में किसे संदर्भित कर रहे थे और उस टिप्पणी का उद्देश्य क्या था। प्रधानमंत्री मोदी ने नाम लिये बगैर सोमवार को एक रैली में शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘महाराष्ट्र में एक भटकती आत्मा है। यदि इसे सफलता नहीं मिलती तो यह दूसरों के अच्छे काम को खराब कर देती है। महाराष्ट्र इसका शिकार रहा है।’’ एक चुनावी सभा को मंगलवार को संबोधित करते हुए पवार ने प्रधानमंत्री मोदी के 2016 के उस बयान को याद किया जो उनकी (पवार की) उंगली पकड़कर राजनीति में आने के बारे में था।
पवार ने कहा, ‘‘कुछ साल पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे में एक भाषण दिया था जिसमें कहा गया था कि वह (मोदी) पवार साहब की उंगली पकड़कर राजनीति में आए थे। कल उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में एक ‘भटकती आत्मा’ 45 साल से बेचैनी पैदा कर रही है।’’ शिरूर लोकसभा सीट से राकांपा (एसपी) उम्मीदवार अमोल कोल्हे के पक्ष में जुन्नार तहसील में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, ‘‘मोदी ने यह भी कहा था कि यह आत्मा सरकार के लिए बाधाएं पैदा कर रही है। उन्होंने इस आत्मा से बचाव की जरूरत के बारे में भी कहा था।’’