महाराष्ट्र इस बार चुनावी पहेली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। महाराष्ट्र के चुनावी समर में लाइमलाइट में रहने वाले उद्धव ठाकरे से अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने बातचीत की है। जिसमें उन्होंने बीजेपी से साथ गठबंधन टूटने की पुरानी बातों का जिक्र किया है। उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में राजनीतिक ताकतों के पुनर्गठन को लेकर कहा कि इसकी शुरुआत कहां से हुई, जनता देख सकती है। हम हिंदुत्व और राष्ट्रवाद पर भाजपा के साथ थे। बीजेपी ने हमारे साथ ऐसा क्यों किया (गठबंधन और सेना को तोड़ दिया)? मेरे पिता ने कहा था, तुम देश संभालो, हम राज्य संभालेंगे। अच्छा चल रहा था। 2012 में मेरे पिता की मृत्यु हो गई, मोदी मेरे घर आए। 2014 में जब मोदी ने पीएम पद की शपथ ली तो ऐसा लग रहा था जैसे कोई सपना सच हो गया हो। अमित शाह के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद बाद में उनकी चाल अलग हो गई। 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले शाह ने हमसे पूछा था, क्या आपने सर्वे कराया है। मैंने कहा, हम लड़ने वाले लोग हैं (हम लड़ाई में उतरते हैं), हम सर्वेक्षण नहीं करते हैं। शिवाजी ने कोई सर्वेक्षण नहीं किया। यदि सर्वेक्षण कहता है कि आप हार रहे हैं, तो क्या आप लड़ाई छोड़ देंगे?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले प्रमोद महाजन, गोपीनाथ मुंडे और नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ भाजपा नेता जब सेना से बातचीत करने आते थे, तो खींचातानी हो जाती थी। अब, उन्होंने अहंकार और आंकड़ों से शुरुआत की और ओम माथुर (राजस्थान के भाजपा नेता) को हमसे बात करने के लिए भेजा। उनकी गारंटी है इस्तेमाल करो और फेंक दो। अंततः 2019 में उन्होंने मेरे साथ यही किया।
मैंने अपने पिता से वादा किया था कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और अमित शाह के साथ इस बात पर सहमति हुई थी कि सेना और भाजपा का 2.5-2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री होगा। देवेंद्र (फडणवीस) ने कहा था कि वह मेरे बेटे आदित्य को सीएम के रूप में तैयार करेंगे और वह खुद दिल्ली चले जाएंगे। उन्होंने मुझे अपने ही लोगों के सामने झूठा बना दिया। मुझे एक (भाजपा) सहयोगी दिखाओ जो खुश हो। आज एनडीए में सिर्फ टूटे-फूटे लोग हैं। वे अपने नेताओं के साथ भी यही करते हैं।