ओडिशा के झारसुगड़ा में महानदी में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां महानदी में नौका पलटने से उसमें सवार कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। इस घटना में चार महिलाएं और तीन बच्चे लापता हो गई है। इनकी तलाश रेस्क्यू टीम अब भी कर रही है। पुलिस ने यह जानकारी दी है। ये हादसा पत्थर सेनी मंदिर के पास हुआ है।
पुलिस ने बताया कि हादसे के दौरान नौका में पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के खारसिया के रहने लोग सवार थे। इस नाव पर लगभग 50 लोग यात्रा कर रहे थे, जो ओडिशा के बारगढ़ जिले के पथरसेनी कुडा स्थित मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे, तभी ये हादसा हुआ है। कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह हादसा तब हुआ जब नाव झारसुगुड़ा जिले के रेनगली पुलिस थाना अंतर्गत शारदा घाट पहुंचने वाली थी। उन्होंने बताया कि स्थानीय मछुआरों ने 35 लोगों को बचा लिया और उन्हें किनारे पर ले आए।
घटना के बाद पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा। पुलिस और रेस्क्यू टीम मिलकर तलाशी अभियान में जुटी हुई है। पुलिस टीम के साथ बचाव दल भी पहुच गया है। वहीं मामले की जांच में जुटे अधिकारी ने बताया कि बाद में पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने सात और लोगों को बचाया। उन्होंने बताया कि सात और लोग अब भी लापता हैं और उनकी तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उत्तरी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हिमांशु लाल ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘लापता लोगों में चार महिलाएं और तीन बच्चे हैं। लापता अंतिम व्यक्ति का पता चलने तक खोज और बचाव अभियान जारी रहेगा।’’
आईजी ने कहा कि चार टीम का गठन किया गया है और कम से कम पांच गोताखोरों के साथ पानी के भीतर तलाश करने में सक्षम दो कैमरों को खोज अभियान में तैनात किया गया है। लाल ने कहा कि ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल के कर्मियों को भी अभियान में लगाया गया है। अधिकारियों के मुताबिक मुख्य सचिव पी के जेना और विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यब्रत साहू भुवनेश्वर से बचाव और राहत अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
मंडलीय राजस्व आयुक्त (आरडीसी), झारसुगुड़ा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक नदी तट पर मौजूद हैं और अभियान की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। घटनास्थल पर पहुंचे बरगढ़ के सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश पुजारी ने आरोप लगाया, ‘‘नाव बिना वैध लाइसेंस के चल रही थी। इसे संबंधित अधिकारियों द्वारा फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं दिया गया था और इस पर कोई जीवन रक्षक जैकेट आदि भी नहीं था।