देशभर में रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है। रामनवमी इस वर्ष बेहद खास है, जब अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद रामलला का अभिषेक किया गया है। राम मंदिर में दोपहर के समय बेहद भव्य और दिव्य नजारा देखने को मिला। इस दौरान आस्था और विज्ञान का मिलन देखा गया। आस्था और विज्ञान के संगम के कारण ही रामलला का सूर्याभिषेक हुआ।
राम मंदिर में रामलला की भव्य पूजा की गई है। इस दौरान रामलला ने विशेष परिधान भी धारण किए है, जो पीले पीतांबर रंग के है। ये वस्त्र खादी और हैंडलूम से निर्मित है, जिसे वैष्णो संप्रदाय प्रतीकों से तैयार किया गया है। इन वस्त्रों में गोल्ड और सिल्वर धागों का उपयोग हुआ है। रामलला के वस्त्र खास तौर से निर्मित हैं जिनमें मखमली कॉटन उपयोग होता है ताकि ये अंदर से भी सॉफ्ट रहें। रामलला के वस्त्र भी आकर्षण का केंद्र बने हुए है। वहीं रामनवमी के लिए राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा को दिव्य आभूषणों से भी सजाया गया है।
रामलला का हुआ सूर्याभिषेक
राम नवमी के मौके पर रामलला का सूर्याभिषेक किया गया है। इस दौरान सूर्य की किरणों से रामलला का सूर्याभिषेक हुआ है। इस दौरान रामलला को 56 भोग लगाए गए है। रामनवमी का मेला भी लगा हुआ है। राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने के लिए हर पल में सैंकड़ों भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। बता दें कि सूर्याभिषेक से पहले 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया गया था।
राम लला के लिए खास भोग
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने जानकारी दी कि रामनवमी का त्योहार इस वर्ष भव्यता के साथ मनाया जा रहा है। भगवान राम अब अपने भव्य महल में निवास कर रहे है। रामनवमी के लिए मंदिर को सजाया गया है। अनुष्ठान खुले हैं और आज रात 3 बजे से भक्तों के लिए दर्शन शुरू किए गए है। इस दौरान रामलला पीले वस्त्र पहनेंगे। उन्हें 56 भोग लगाया जाएगा। तीन तरह की पंजीरी भी पेश की जाएगी। पंचामृत भी अर्पित किया जाएगा।