दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केजरीवाल की तरफ से अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई थी। इसके बाद दिल्ली सीएम ने हाई कोर्ट का रुख किया था। लेकिन वहां से किसी भी किस्म की राहत नहीं मिली थी। 103 पन्नों के दिल्ली हाई कोर्ट के जजमेंट में अरविंद केजरीवाल की तरफ से दी गई तमाम दलीलों को खारिज कर दिया गया था। इसके साथ ही कहा गया था कि देश के आम नागरिक की तरह ही वो हैं। ईडी के पास उनकी गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त सबूत हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट की केजरीवाल की गिरफ्तारी के लिए क्या रुख अपनाता है।
आम आदमी पार्टी अच्छी तरह से जानती है कि उसके तीन बड़े नेता इस केस में फंसे हुए हैं। इससे पहले भी मनीष सिसोदिया, संजय सिंह या अरविंद केजरीवाल या फिर के कविता गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली नेताओं की याचिकाओं का हश्र बहुत सुखद या सकारातम्क नहीं रहा है। सुप्रीम कोर्ट आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। शीर्ष अदालत कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी को उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को उच्च न्यायालय द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और उनकी न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है। केजरीवाल ने कहा है कि उनकी गिरफ़्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद र आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला है।