आमलोग अपनी जीवन भर की कमाई को और बढ़ाने के लिए प्रॉपर्टी या फिर कहीं और निवेश करते हैं. निवेशकों को अच्छा रिटर्न भी हासिल होता है. लेकिन, जरा सोचिए यदि जिदंगी भर की कमाई पर कोइ हाथ साफ कर दे तो फिर पीड़ित का क्या हाल होगा? ऐसे में तो वे सड़क पर आ जाएंगे. उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. कुछ ऐसा ही मामला अमेरिका में सामने आया था. इस महाघोटाले का खामियाजा दुनिया भर के निवेशकों को भुगतना पड़ा था. एक झटके में निवेशकों के 40 अरब डॉलर (3335436000000 रुपया या 333543 करोड़ रुपया) डूब गए थे. अमेरिका के साथ ही पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया था. अब इस माहाघोटाले के सरगना को कोर्ट ने दोषी माना है, पर सवाल बरकरार है- निवेशकों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा?
दरअसल, क्रिप्टोकरंसी फर्म टेराफॉर्म लैब्स (Terraform Labs) कॉलेप्स कर गई थी. वर्ष 2022 में इस कंपनी के तबाह होने से निवेशकों के 333543 करोड़ रुपये डूब गए थे. जिन्होंने अपनी पूरी कमाई इसमें लगा दी थी, वे कहीं के नहीं रहे. अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग (SEC) ने कंपनी के कर्ताधर्ता और मालिक डू क्वॉन के खिलाफ मुकदमा चलाया है. अब SEC को इसमें बड़ी सफलता मिली है. ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क की एक अदालत ने SEC की दलीलों को मानते हुए डू क्वॉन को इसके लिए जिम्मेदार माना. क्रिप्टोकरंसी फर्म और उसके कामकाज करने के तरीके के मामले में SEC की कानूनी जीत को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि क्रिप्टोकरंसी फर्म यह कहते हुए हमेशा से स्टॉक और बॉन्ड के नियम-कायदे को मानने से इनकार करती रही है कि साल 1930 में बनाया गया कानून उनपर लागू नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है.
दरअसल, क्रिप्टोकरंसी फर्म टेराफॉर्म लैब्स (Terraform Labs) कॉलेप्स कर गई थी. वर्ष 2022 में इस कंपनी के तबाह होने से निवेशकों के 333543 करोड़ रुपये डूब गए थे. जिन्होंने अपनी पूरी कमाई इसमें लगा दी थी, वे कहीं के नहीं रहे. अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग (SEC) ने कंपनी के कर्ताधर्ता और मालिक डू क्वॉन के खिलाफ मुकदमा चलाया है. अब SEC को इसमें बड़ी सफलता मिली है. ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क की एक अदालत ने SEC की दलीलों को मानते हुए डू क्वॉन को इसके लिए जिम्मेदार माना. क्रिप्टोकरंसी फर्म और उसके कामकाज करने के तरीके के मामले में SEC की कानूनी जीत को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. बता दें कि क्रिप्टोकरंसी फर्म यह कहते हुए हमेशा से स्टॉक और बॉन्ड के नियम-कायदे को मानने से इनकार करती रही है कि साल 1930 में बनाया गया कानून उनपर लागू नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है.
कैसे किया घोटाला?
डू क्वॉन की कंपनी टेराफॉर्म लैब्स का दावा था कि उनकी ओर से जारी टेरायूएसडी और लूना टोकन काफी मजबूत है और बुरे वक्त में भी निवेशकों को पहले से निर्धारित रिटर्न देने में सक्षम है. इसे स्टेबलक्वाइन का नाम दिया गया था. हालांकि, उसके इस दावे की हवा साल 2021 से निकलनी शुरू हो गई थी. SEC का आरोप है कि डू क्वॉन की क्रिप्टोकरंसी फर्म Terraform Labs ने जंप ट्रेडिंग के साथ हुए एक गोपनीय करार के बारे में निवेशकों को जानकारी नहीं दी थी. जब यह बात सामने आई तो टेरायूएसडी और लूना टोकन का मूल्य पहले से तय 1 डॉलर से भी कम हो गया था.
आरोपी डू क्वॉन गिरफ्तार
हजारों करोड़ों के इस घोटाले में Terraform Labs के चीफ डू क्वॉन को मॉन्टेनिग्रो में एक साल पहले गिरफ्तार किया गया. अमेरिकी अदालत के फैसले के बाद अब उसके प्रत्यर्पण के लिए प्रयास किया जाएगा, ताकि उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके. बता दें कि इस दौरान दक्षिण कोरिया की कंपनी चाय का नाम भी सामने आया है. हालांकि, अमेरिकी प्रतिभूति विनिमय आयोग का कहना है कि दक्षिण कोरियाई कंपनी पारंपरिक तरीके से काम करती है, ऐसे में उसके इसमें शामिल होने की संभावना बहुत कम है.