किसी भी स्पोर्ट्स में खिलाड़ी बढ़ती उम्र, चोट की समस्या, विवाद या खराब फॉर्म की वजह से खेल से रिटायर हो जाते हैं. संन्यास का फैसला किसी भी एथलीट के लिए बहुत इमोशनल होता है. जिस खेल से वो प्यार करते हैं उसे उन्हें एक ना एक दिन उपरोक्त कारणों से छोड़ना पड़ता है. लोगो को लगता कि वो अब अपने चेहेते खिलाड़ियों को मैदान पर नहीं देख पाएंगे, इसलिए उनके लिए भी मायूसी वाला क्षण होता है. पाकिस्तान के 2 क्रिकेटर्स चर्चा के विषय बने हुए हैं जिन्होंने संन्यास तोड़कर क्रिकेट में वापसी की है. मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी टी20 सीरीज के लिए टीम में जगह भी मिल गई है. इससे पहले शाहिद अफरीदी से लेकर मिस्बाह उल हक, इमरान खान और मोहम्मद हफीज भी संन्यास से वापसी कर चुके हैं. यही नहीं इन्होंने अपने खेल से दोबारा खुद को साबित भी किया . एक ने तो संन्यास से वापस आने के बाद अपनी कप्तानी में पाकिस्तान को विश्व विजेता भी बनाया.
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान (Imran Khan) ने 1987 वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले लिया था. इसके बाद उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति जिया उल हक के कहने पर एक साल के भीतर इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की. वापसी के 5 साल बाद इमरान खान ने अपनी कप्तानी में पाकिस्तान को 1992 में वनडे वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिलाई. इमरान खान पाकिस्तान के दिग्गज ऑलराउंडर थे. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने एक नहीं बल्कि कई बार रिटायरमेंट से वापसी की है. अफरीदी ने पहली बार साल 2006 में ऐसा किया. उन्होंने तक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. लेकिन 2010 में उन्होंने बतौर कप्तान वापसी की.
शाहिद अफरीदी ने कई बार रिटायरमेंट से वापसी की
शाहिद अफरीदी ने 2011 वनडे विश्व कप के बाद पीसीबी से मनमुटाव के बाद वनडे क्रिकेट को छोड़ने का ऐलान किया. साल के अंत में बोर्ड के साथ सबकुछ ठीक हो गया और फिर उन्होंने 2015 वर्ल्ड कप में वापसी की. आखिरकार अफरीदी ने 2018 में ऑफिशियली ऐलान किया कि वह इंटरनेशनल क्रिकेट में अब नहीं दिखाई देंगे. मैच फिक्सिंग के आरोप में जेल की सजा कटा चुके मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) ने आखिरी इंटरनेशनल मैच 2020 में खेला था. इसके बाद अब जाकर इस लेफ्ट आर्म पेसर की पाकिस्तानी टीम में वापसी हुई है. आमिर 18 अप्रैल से न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 मैचों की घरेलू टी20 सीरीज में शिरकत करेंगे. इसके बाद वह टी20 वर्ल्ड कप में भी गेंदबाजी करते हुए नजर आएंगे.
हफीज ने संन्यास तोड़कर खेला वर्ल्ड कप
पाकिस्तान की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में 2001 में डेब्यू करने वाले मिस्बाह उल हक (Misbah ul haq) ने अपना आखिरी मैच 2017 में खेला. हालांकि बाद में उन्होंने 2019 में रिटायरमेंट से वापस आकर पाकिस्तान सुपर लगी में हिस्सा लिया. इसके बाद साल 2019 में मिस्बाह पाकिस्तान नेशनल टीम के हेड कोच और चीफ सेलेक्टर बने. प्रोफेसर के नाम से फेमस दिग्गज ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज (Mohammad Hafeez) ने 2018 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. इस दौरान वह लिमिटेड ओवर की क्रिकेट खेलते रहे. 2020 में उन्होंने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा की. इसके दो साल बाद वह 2021 टी20 वर्ल्ड कप में वापसी की.