बृजभूषण सिंह और रीता बहुगुणा के टिकट पर सस्पेंस, एक दर्जन सीट पर अभी भी बीजेपी ने नहीं खोले पत्ते

 बृजभूषण सिंह और रीता बहुगुणा के टिकट पर सस्पेंस, एक दर्जन सीट पर अभी भी बीजेपी ने नहीं खोले पत्ते

उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपने कोटे की 75 लोकसभा सीटों में से 63 सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. बीजेपी ने अभी तक अपने 9 मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं. पार्टी ने एक दर्जन सीट पर अभी पत्ते नहीं खोले हैं, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह से लेकर रीता बहुगणा जोशी जैसे दिग्गज नेताओं की सीट पर सस्पेंस बना हुआ है. इतना ही नहीं बीजेपी ने कांग्रेस की मजबूत गढ़ रायबरेली और मुलायम परिवार की परंपरागत सीट मैनपुरी सीट पर नाम तय नहीं कर सकी है.

बता दें कि यूपी की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 75 सीटें बीजेपी ने अपने पास रखी हैं जबकि पांच सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ रखी हैं. इनमें बिजनौर और बागपत सीट आरएलडी को दी तो मिर्जापुर और रॉबर्टसगंज सीट अपना दल (एस) के लिए छोड़ी है. वहीं, घोसी सीट पर सुभासपा चुनाव लड़ रही है. बीजेपी अपने कोटे की 75 सीटों में 63 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है जबकि एक दर्जन सीट पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है.

बीजेपी ने अभी भी 12 सीट नहीं खोले पत्ते

बीजेपी ने यूपी की जिन एक दर्जन सीटों पर अभी पत्ते नहीं खोले है, जिसमें रायबरेली, मछलीशहर, कैसरगंज, प्रयागराज, फुलपुर, कौशांबी, बलिया, गाजीपुर, भदोही, देविरया, मैनपुरी और फिरोजाबाद सीट है. इन एक दर्जन सीट में से तीन सीट पर विपक्ष का कब्जा है तो 9 सीटें बीजेपी के पास है. बीजेपी की नजर 2024 में क्लीन स्वीप करने पर है, जिसके चलते काफी मंथन के बात टिकट तय किए जा रहे हैं. बलिया और फूलपुर सीट पर भी मामला फंसा हुआ है.

बृजभूषण और बहुगणा का क्या होगा

बीजेपी के दिग्गज नेता बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज सीट से सांसद हैं, लेकिन पार्टी ने अभी तक उनके नाम का ऐलान नहीं किया. ऐसे ही रीता बहुगुणा जोशी की प्रयागराज सीट पर भी मामला फंसा हुआ है. रीता बहुगुणा जोशी ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का संकेत दे चुकी हैं, जिसके चलते माना जा रहा है कि उनकी जगह पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है. इसी तरह बृजभूषण सिंह को लेकर मामला फंसा हुआ है, क्योंकि उनके कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए देश की जानी मानी महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप भी लगाए थे, जिसके चलते उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था.

वरुण गांधी का टिकट काटने के बाद से कैसरगंज सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की धड़कनें बढ़ गई हैं. बृजभूषण सिंह के साथ ही राजनीतिक पंडितों की निगाहें भी कैसरगंज सीट पर टिकी हुई हैं, क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं चल रही हैं. माना जा रहा है कि बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट सकती है और कैसरगंज सीट से किसी नए चेहरे पर दांव लगाएगी. हालांकि, पिछले दिनों बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अभी कई लोकसभा क्षेत्र के टिकट फाइनल होना बाकी हैं. उन्होंने कहा कि हमको लगता है कि यह सारे भ्रम दो-तीन दिन में समाप्त हो जाएंगे.

रायबरेली-मैनपुरी सीट पर सस्पेंस

गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली सीट पर भी बीजेपी अभी उम्मीदवार तय नहीं कर सकी. 2019 में कांग्रेस एकलौती रायबरेली सीट ही जीत सकी थी और सोनिया गांधी सांसद चुनी गई थी. अमेठी के बाद बीजेपी की नजर रायबरेली पर है. कांग्रेस ने भी अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि कौन चुनाव लड़ेगा. इस तरह कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही वेट एंड वॉच के मूड में हैं. वहीं, मैनपुरी लोकसभा सीट मुलायम कुनबे की परंपरागत सीट मानी जाती है, जहां से सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं और 2024 के रणभूमि में फिर से उतरी हैं. बीजेपी इस सीट पर भी निगाहें लगाए हैं, मोदी लहर में इस सीट पर भी खाता नहीं खुला है. ऐसे में बीजेपी रायबरेली व मैनपुरी सीट पर मजबूत प्रत्याशी उतारने की कोशिश में है, जिसके लिए मंथन किया जा रहा है.

बीजेपी ने 9 सांसदों के टिकट काटे

बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में अभी तक अपने मौजूदा 9 सांसदों के टिकट काटे हैं. बरेली से आठ बार के सासंद रहे संतोष गंगवार, पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी, गाजियाबाद से केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, बाराबंकी के सांसद उपेन्द्र रावत, बदायूं से स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य, कानपुर नगर सीट से सत्यदेव पचौरी, मेरठ सीट से राजेंद्र अग्रवाल, बहराइच (आरक्षित) से अक्षयवर लाल गौड़, हाथरस (आरक्षित) के सांसद राजवीर सिंह दिलेर का टिकट बीजेपी ने काट दिया है. हालांकि, जनरल वीके सिंह और सत्यदेव पचौरी सूची से पहले ही खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था.

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