राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रवचन देने वाले आसाराम की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें पुणे मेडिकल सेंटर में उपचार कराने की अनुमति मांगी गयी थी।
अदालत ने यह आदेश तब सुनाया जब पुणे पुलिस की एक रिपोर्ट में यह आशंका जतायी गयी कि आसाराम के अस्पताल में रुकने से वहां कानून एवं व्यवस्था को खतरा हो सकता है।
आसाराम को अगस्त 2013 में गिफ्तार किया गया था और जोधपुर की अदालतने 2018 में उसे बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी। आसाराम ने याचिका दायर कर पुणे के माधवबाग मल्टीडिस्पिलनरी कार्डियक केय क्लीनिक एंड हॉस्पिटल में उपचार की अनुमति मांगी थी।
न्यायमूर्ति वी के माथुर और न्यायामूर्ति दिनेश मेहता की पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह जोधपुर के आयुर्वेद विश्वविद्यालय अस्पताल में उपचार करा सकते हैं।