मौलाना तौकीर रजा को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तौकीर रजा को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सरेंडर के लिए 27 मार्च की तारीख भी तय कर दी है। यानी 27 मार्च से पहले तौकीर रजा को ट्रायल कोर्ट में सरेंडर करना होगा। हालांकि सरेंडर के बाद जमानत की अर्जी ट्रायल कोर्ट में दाखिल करने की उन्हें छूट हाई कोर्ट की तरफ से दी गई है। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को तौकीर रजा की अर्जी पर कानून के अनुसार निर्णय लेने के निर्देश भी दिए हैं।
एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को वर्ष 2010 के दंगे का मास्टरमाइंड बताया था। उनके खिलाफ लगातार दो तारीख से गैर जमानती वारंट जारी हो रहा है। इस बार तौकीर को गिरफ्तार कर पेश करने की जिम्मेदारी कोर्ट ने सीधे एसएसपी सुशील घुले को दी थी। अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले मौलाना तौकीर रजा खान ने उत्तराखंड में मुस्लिमों के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। वह सख्त लहजे में कहते नजर आए कि हमें किसी भी हरकत पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर न करें। हमने हाथों में चूड़ियां भी नहीं पहनी हैं। हम किसी भी हद तक जाएंगे। उत्तराखंड सरकार का घेराव करने देहरादून तक जाएंगे।
मौलाना तौकीर रजा खान ने सरकार से मांग की थी कि हिंदूवादी संगठनों पर नकेल कसनी चाहिए। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल जैसे संगठन देश हित में काम करने का दावा करते हैं लेकिन उनकी गतिविधियां देश विरोधी हैं। सरकार को इनका इलाज करना चाहिए। उत्तराखंड सरकार की लापरवाही के कारण मकबरे और मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है। मुसलमानों को पलायन के लिए मजबूर किया जा रहा है। मुसलमानों को भड़काने का काम बीजेपी कर रही है। पहले बीजेपी वाले अपने मंदिरों को तोड़े और उसके बाद वह मजारों को तोड़ने की बात करें।