बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे के बाद राजनीतिक उठापटक जारी है। सीट ने मिलने से नाराज पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और एनडीए के साथ अपनी पार्टी का गठबंधन भी समाप्त कर दिया। उन्होंने यह भी कह दिया कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) बिहार में 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इन सब के बीच उपेन्द्र कुशवाहा भी सीट बंटवारे को लेकर नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे में सिर्फ एक सीट मिलने से उपेन्द्र कुशवाहा संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि पहले उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में 2 सीटें मिलने का आश्वासन दिया गया था।
यही वजह बताई जा रही है कि सोमवार को एनडीए की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा ने अपनी पार्टी से कोई प्रतिनिधि नहीं भेजा। हालांकि सूत्रों ने आगे कहा कि कुशवाहा एनडीए में बने रहेंगे। खबर जय भी है कि कुशवाहा को भाजपा की ओर से मनाने की कोशिश भी हुई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सोमवार, 18 मार्च को बिहार में अपनी सीट-बंटवारे की व्यवस्था की घोषणा की, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने सोमवार, 18 मार्च को इसकी घोषणा की। घोषणा के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 16 निर्वाचन क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारेगी।
दिवंगत राम विलास पासवान के बेटे चिराग के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को 5 सीटें आवंटित की गई हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेंद्र कुशवाह और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सहित एनडीए के सहयोगी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगे। उपेंद्र कुशवाह की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी काराकाट निर्वाचन क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारेगी। उपेंद्र कुशवाहा 2014 में भी इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि, 2019 में उन्हें कामयाबी नहीं मिली है।