लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब चुनाव प्रचार जोर पकड़ रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां जोर लगाकर अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश कर रही हैं और उम्मीदवारों की बाकी लिस्ट भी जारी होने वाली है. बीजेपी इस मामले में बाकी दलों से काफी आगे है. बीजेपी अभी तक 267 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है, बाकी सीटों पर भी कैंडिडेट का जल्द ऐलान होने की उम्मीद है.
इसी सिलसिले में आज यूपी बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक होने वाली है. इसमें यूपी की बाकी लिस्ट पर मंथन होगा. ऐसी चर्चा है कि बीजेपी यूपी के कई बड़े चेहरों के टिकट काट सकती है, जबकि मुलायम परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव को टिकट देकर मैनपुरी से डिंपल यादव के खिलाफ उतार सकती है.
51 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान
सीएम योगी की मौजूदगी में होने वाली इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी यूपी के लिए अब तक 51 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. आज की बैठक में बाकी 24 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय किया जा सकता है. इसके बाद बीजेपी केंद्रीय चुनाव कमेटी की बैठक में इस पर मुहर लगेगी. यूपी में 75 सीटों पर अपने उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी उतारेगी, पांच सीटें गठबंधन के खाते में गई हैं. आज की बैठक में उन सीटों पर चर्चा होनी है, जिस पर अभी विपक्ष का कब्जा है या जहां बीजेपी को चुनौती मिलने की उम्मीद है. बीजेपी अभी उन सीटों पर भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान नहीं कर पाई है, जो मुलायम सिंह यादव के परिवार का गढ़ रही हैं.
इनका कट सकता है टिकट
ऐसा समझा जा रहा है कि अब यह जो लिस्ट आने वाली है, जिसमें बाकी बची सीटों का ऐलान होगा उत्तर प्रदेश की उनमें कई दिग्गजों के टिकट कट सकते हैं. जहां सांसदों के रिपोर्ट कार्ड अच्छे नहीं है, वहां बीजेपी बड़ा फेरबदल करने जा रही है. आज यूपी बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक से पहले जिन बड़े चेहरों की चर्चा हो रही है, उनमें से एक मेनका गांधी और दूसरे वरुण गांधी हैं, जोकि पीलीभीत से अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे. कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह की सीट पर भी खतरा मंडरा रहा है तो वहीं गाजियाबाद से वीके सिंह की सीट पर भी खतरा मंडार रहा है. वहीं, बदायू से संघमित्र मौर्या जोकि स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी हैं, उनके टिकट को भी बदला जा सकता है. यह वो दिग्गज है, जिनकी सीट पर फिलहाल संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसा तय माना जा रहा है कि इस बार बीजेपी इनके टिकट को बदल सकती है.
वीके सिंह पर क्यों संकट
बीजेपी यूपी की कोर ग्रुप की बैठक है, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही मौजूद होंगे दोनों डिप्टी सीएम मौजूद होंगे और तमाम बीजेपी के पदाधिकारी मौजूद होंगे जो कि उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं, उसमें अगर सबसे पहले बात कर लिया जाए तो गाजियाबाद की बात कर लेनी चाहिए क्योंकि डॉक्टर वीके सिंह को लेकर चर्चा यह है कि जो गाजियाबाद का संगठन है, उसके साथ उनका जो समन्वय है, उनके साथ जो कॉमिनेशन है वो बहुत बेहतर नजर नहीं आ रहा यही वजह है कि बड़ी जीत हासिल करने के बावजूद डॉक्टर वीके सिंह का जो टिकट है वह अभी भी होल्ड पर चल रहा है तो यह माना जा सकता है कि वहां पर बीजेपी अपना कैंडिडेट बदल सकती है.
इन पर उम्र का फैक्टर
इसके अलावा अगर बात कर लिया जाए कानपुर नगर की तो वहां पर सत्यदेव पचौरी किसी तरीके की एंटी इनकंबेंसी नहीं है, किसी तरीके से संगठन में दिक्कत नहीं है, लेकिन उम्र का फैक्टर कहीं ना कहीं आड़े आ रहा है तो यह माना जा सकता है कि कम से कम कानपुर में सत्यदेव पचौरी को मौका मिलेगा, इसके आसार काफी कम नजर आ रहे हैं. इसके साथ ही प्रयागराज से रीता बहु जोशी तेज तरार लीडर हैं, कई बार मंत्री रह चुके हैं, कांग्रेस गवर्नमेंट में मंत्री रह चुकी हैं, बीजेपी में मंत्री रह चुकी हैं और ऐसे में रिता बहुगुणा जोशी का भी उम्र फैक्टर कहीं ना कहीं आड़े आ रहा है.
इन पर पर लटकी तलवार
पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने लगातार भारतीय जनता पार्टी को अपने बयानों की वजह से अनकंफर्टेबल स्थिति में रखा है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए जो बातें बोली हैं उसको लेकर के शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी है, यही वजह है कि ना सिर्फ पीलीभीत बल्कि सुल्तानपुर को भी यह माना जा रहा है कि यहां की भी जो कैंडिडेट हैं मेनका गांधी उनका भी टिकट कट सकता है. इसके अलावा अगर बात कर लिया जाए तो मेरठ सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी अपने कैंडिडेट को बदलने पर विचार कर रही है.
इसके साथ ही बरेली से संतोष गंगवार की सीट को लेकर के भी बदलाव हो सकते हैं. ना सिर्फ जिस तरीके से पहलवान आंदोलन हुआ और बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए तो यह माना जा रहा है कि उनकी सीट को भी होल्ड की जा सकती है.
अपर्णा के नाम की चर्चा
यूपी बीजेपी कोर कमेटी की बैठक के बीच अपर्णा यादव के नाम को लेकर भी काफी चर्चा हो रही है. कहा यह जा रहा है कि बीजेपी अपर्णा यादव को मैनपुरी सीट से मैदान में उतार सकती है. मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारने का ऐलान कर चुकी है और अगर अपर्णा को बीजेपी टिकट देती है तो मुलायम परिवार की दो बहुओं के बीच में मैनपुरी सीट पर टक्कर देखने को मिल सकती है.
मैनपुरी मुलायम सिंह यादव का गढ़ रहा है और इस सीट पर समाजवादी पार्टी को हराना थोड़ा मुश्किल नजर आता है, इसीलिए बीजेपी अपनी रणनीति में बदलाव कर सकती है. अपर्णा यादव का एकाएक मुलाकात करना इस तरफ इशारा कर रहा है कि क्या अपर्णा यादव को लेकर कोई रिस्क भारतीय जनता पार्टी ले सकती है.
अपर्णा यादव ने सीएम योगी से की मुलाकात
इस बात के आसार और कयास तब से लगने शुरू हो गए, जब अपर्णा यादव ने एक हफ्ते पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी निवास पर अपने भाई अमन बिष्ट के साथ मुलाकात की. यह बताया जा रहा है कि अपर्णा बिष्ट को भी कहीं ना कहीं इस बात का इंडिकेशन दिया गया है कि उनको भी अब तैयार रहने की जरूरत है. पिछले 2 सालों से जब 2022 का उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव हो रहा था, उस दौरान अपर्णा यादव ने अपनी जो पार्टी है समाजवादी पार्टी उसको छोड़ कर के वह बीजेपी में आई थी, लेकिन तब से उनको कोई बड़ी जिम्मेदारी कोई बड़ा पद या फिर कोई भी चुनाव उनको नहीं लड़ाया गया है.
ऐसे में एक हफ्ते पहले उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करना कहीं ना कहीं इंडिकेशन इस बात का जरूर है कि भारतीय जनता पार्टी मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को बड़ी बहू डिंपल यादव के सामने लड़ाना चाहती है, क्योंकि बीजेपी भी जानती है कि मैनपुरी की जो लड़ाई है वो भारतीय जनता पार्टी के लिए कास्ट इक्वेशन के हिसाब से बहुत ज्यादा आसान नहीं है.
अपर्णा यादव को मिलेगा टिकट
ऐसे में अपर्णा यादव की जो उम्मीदवारी है वो ना सिर्फ इस मुकाबले को दिलचस्प बनाएगी बल्कि कहीं ना कहीं जो परिवार के प्रति सिंपैथी है या लोगों का झुकाव है वो भी अपर्णा यादव को मिलेगा. अपर्णा यादव की इमेज फायर ब्रिगेड नेता के तौर पर जानी जाती हैं, अच्छी वक्ता है, लोगों के साथ कनेक्ट अच्छा है, बातचीत बहुत अच्छे से करती हैं, कार्यकर्ताओं को उनके नाम से जानती हैं, ये जो एस्टेब्लिशमेंट है, वो कहीं ना कहीं बीजेपी को फायदा पहुंचा सकती है. यही वजह है कि इस समय सबसे ज्यादा इस बात की चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू डिंपल यादव के सामने मैनपुरी के चुनाव में लोकसभा चुनाव में बीजेपी छोटी बहू अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है. बीजेपी इस बार बड़ा मिशन उत्तर प्रदेश में लेकर चल रही है, जिसमें वह 80 में से 80 सीटें जीतना चाहती है और इसीलिए ऐसे बदलाव भारतीय जनता पार्टी कर सकती है.