Hardoi ( UttarPradesh)
अरसे बाद देखने को मिली एक नेता और अधिकारी के बीच की ऐसी बहस , नेता के तर्कों के आगे चुप होना पड़ गया अधिकारियों को वो भी भरी आचार संहिता में ऐसा कम ही देखा गया।
नेता का नाम है अंशुल वर्मा जो कि बीजेपी के पूर्व सांसद हैं , अधिकारी हैं प्रियंका सिंह जो कि एडीएम हैं हरदोई जिले की ।
प्रकरण है बीजेपी जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा के घर के बाहर से उनका नाम और पद इंगित करता हुआ बोर्ड सिटी मजिस्ट्रेट हरदोई सुनील कुमार त्रिवेदी ने उखड़वाकर लदवा दिया था और साथ ही बुजुर्ग पूर्व जिलाध्यक्ष को एफआईआर की धमकी दी जिसका वीडियो वायरल हुआ था । इस घटना के ठीक अगले दिन पूर्व जिलाध्यक्ष की पत्नी का निधन हो गया , उनका आरोप ये है कि उनकी पत्नी इस घटना के बाद सदमे में चली गयी जिसके चलते उनका निधन हो गया ।
सिटी मजिस्ट्रेट पर कार्यवाई की मांग करते हुए सांसद जयप्रकाश , जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन , पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव रंजन , पूर्व जिलाध्यक्ष रामबहादुर सिंह सहित तमाम भाजपाइयों ने हरदोई लखनऊ हाइवे जाम कर दिया और प्रशासन के कार्यवाई आश्वासन के बाद ही पूर्व जिलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा की पत्नी का मृत शरीर अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया ।