केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के संबंध में आज का दिन बेहद अहम है। सुप्रीम कोर्ट में आज नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के खिलाफ दायर 200 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट में इस अधिनियम पर रोक लगाने को लेकर भी याचिकाएं दायर है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। बता दें कि केंद्र ने संसद में सीएए को 2019 में पारित किया था। जब से ये कानून आया है तभी से इसे बेहद और विरोध लगातार जारी है।
इन्होंने दी है याचिका
इस संबंध में कई लोगों और संगठनों ने याचिकाएं दी है, जिसमें कपिल सिब्बल का भी नाम है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML), तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा, कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन ) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी आदि का नाम शामिल है।
बता दें कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सीएए को लागू करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सीएए कानून और नियमों पर रोक लगाने की मांग की है। लीग का कहना है कि ये मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। ऐसे में मुसलिम समुदाय के लोगों के खिलाफ किसी तरह का कठोर कदम नहीं उठाना चाहिए, खासतौर से जो इस कानून का लाभ नहीं ले सकते है।
जानें क्या है सीएए
सीएए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करने की सुविधा देता है। कानून अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदाय के प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का रास्ता खोलता है। ये कानून उन लोगों के लिए बेहद अहम है, जो अपने देश में भी धार्मिक उत्पीड़न का शिकार है।