नयी दिल्ली: प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान भले ही एक तरह की आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है, लेकिन सैन्य रूप से उसकी क्षमताओं में ‘‘कोई कमी नहीं’’ आई है और उसकी सेनाएं ‘‘हमारे लिए खतरा बनी हुई हैं।’’
यहां ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024’ के दौरान उन्होंने कहा कि भारत के पास अपनी सीमाओं, खासकर उत्तर में विवादित सीमाओं की रक्षा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। जनरल चौहान ने 21वीं सदी में भारत के लिए सबसे बड़ी रक्षा चुनौतियों पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही। जनरल चौहान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर आप सशस्त्र बलों के मामले में देखें, तो सबसे बड़ी चुनौती ज्यादातर बाहरी होंगी जो अत्यंत चिंता का विषय हैं। लेकिन फिर भी बाहरी चुनौतियां एक राष्ट्र को एकजुट करती हैं।
हमने इसे करगिल में देखा है, हमने इसे गलवान में भी देखा है।’’ कॉन्क्लेव के दौरान परिचर्चा का विषय ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य : भारतीय सेना के समक्ष चुनौतियां’ था। सीडीएस ने कहा, ‘‘जहां तक सशस्त्र बलों का सवाल है, हमारी तात्कालिक चुनौती चीन का उदय और अनसुलझी सीमा समस्या है। हमारे दो पड़ोसी हैं, और दोनों हमारे विरोधी हैं। दोनों का दावा है कि उनकी दोस्ती हिमालय से भी ऊंची और महासागर से भी गहरी है और वे दोनों परमाणु हथियार सक्षम हैं।’’
जनरल चौहान से पूछा गया था कि क्या आर्थिक बदहाली का सामना कर रहा पाकिस्तान अब भी खतरा बना हुआ है। सीडीएस ने कहा, ‘‘पाकिस्तान भले ही आर्थिक रूप से उथल-पुथल में हो और राजनीतिक रूप से भी थोड़ा अस्थिर हो। लेकिन, वास्तव में सैन्य तौर पर इसकी क्षमताओं में कोई कमी नहीं आई है। और, हमें प्रतिद्वंद्वी को कम नहीं आंकना चाहिए। यह चीजों को देखने का एक बेहतर तरीका है, मैं चीजों को इसी तरह देखता हूं।