एक दौर था जब उत्तर प्रदेश में माफिया मुख्तार अंसारी का खौफ हुआ करता था. पूर्वांचल में तो खासतौर से उसकी तूती बोलती थी. उसके नाम से ही लोग कांप जाते थे. अपराध की दुनिया में वह टॉप पर था. लेकिन अब वही मुख्तार उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है और उसके गुनाहों का हिसाब हो रहा है. उसे उम्रकैद पर उम्रकैद की सजा सुनाई जा रही है. वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को 3 दशक से ज्यादा पुराने मामले में उसे आजीवन कारावस की सजा सुनाई. गाजीपुर के फर्जी हथियार लाइसेंस मामले में मुख्तार को ये सजा मिली है.
मु्ख्तार को बुधवार को जिस मामले में सजा सुनाई गई वो 1990 का है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ दिसंबर 1990 में गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने में आईपीसी की धाराओं– 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ हथियार अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
10 जून, 1987 को मुख्तार अंसारी ने एक बंदूक के लाइसेंस के लिए गाजीपुर के जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन दिया था. बाद में उसने तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक के पास फर्जी हस्ताक्षरों वाले दस्तावेज जमा कर बंदूक का लाइसेंस प्राप्त किया. इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद सीबी-सीआईडी ने मुख्तार अंसारी, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर और पांच नामजद व्यक्तियों और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में चार दिसंबर, 1990 को मामला दर्ज कराया.
इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की ही कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 26 वर्षीय कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा की हत्या के मामले में गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने का दोषी पाया था. कोर्ट ने मुख्तार को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. इस फैसले से पहले जून, 2023 में वाराणसी की उसी अदालत ने मुख्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
इन मामलों में मुख्तार को जिस जज ने सजा सुनाई है वो अवनीश गौतम हैं. विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत मुख्तार के इन गुनाहों का हिसाब कर रही है. बता दें कि वर्ष 1963 में जन्मा मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुका है, जिसमें दो बार वह बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुना गया. उसने आखिरी बार विधानसभा चुनाव 2017 में लड़ा था.
कौन हैं अवनीश गौतम?
अवनीश गौतम वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में स्पेशल जज हैं. वह 2021 से वाराणसी में तैनात हैं. इससे पहले वह मैनपुरी, शाहजहांपुर, अकबरपुर और मेरठ में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2009 में ज्यूडिशियल सर्विस में एंट्री करने वाले अवनीश गौतम की पहली पोस्टिंग मेरठ में बतौर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हुई थी. एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, एडीजी तक का सफर तय करने के बाद वह वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में स्पेशल जज बने.
अवनीश गौतम उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं. वहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने प्रयागराज से PCS-J की तैयारी की और सफतला हासिल की. अवनीश गौतम के पिता सरकारी बैंक में काम करते थे. वहीं, उनके दादा भी गोरखपुर के जाने माने डॉक्टर रह चुके हैं.
मुख्तार पर फैसले के बाद बढ़ाई गई थी सुरक्षा
अवनीश अब मुख्तार पर फैसले सुनाकर चर्चा में हैं. पिछले साल जून में उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी. अवधेश राय हत्याकांड में फैसला सुनाने के बाद ये कदम उठाया गया था. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अवनीश गौतम की सुरक्षा बढ़ाई गई थी.