कभी कभी कुछ ऐसी खबरें सामने आ जाती हैं जो तकनीकी तौर पर तो सामान्य होती हैं पर व्यवहारिकता के तौर पर चुटीली लगने लग जाती हैं । मने दिलचस्प हो जाती हैं । हुआ कुछ यूं कि हरदोई जिले में तबादला होकर आईं एक खण्डशिक्षा अधिकारी ने 11 मार्च को अपने आवंटित ब्लॉक का कार्यभार ग्रहण किया , अधीनस्थों से गुलदस्ता आदि प्राप्त किया और अगले ही दिन 12 मार्च को उनका तबादला एक दूसरे ब्लॉक में हो गया । एक ही दिन के अंदर अधीनस्थों को दूसरा गुलदस्ता आदि खरीदना पड़ा नए वाले अधिकारी को देने के लिए ।
थोड़ा विस्तृत बताएं तो बीते दिनों हरदोई जनपद से कई खण्डशिक्षा अधिकारियों का तबादला ग़ैरजनपद हो गया था और कई खण्डशिक्षा अधिकारी तबादला होकर हरदोई जनपद में भी आये थे । जिले के भरखनी ब्लॉक की खण्डशिक्षा अधिकारी पूजा सिंह का तबादला हो गया था ग़ैरजनपद और ग़ैरजनपद से आईं सपना रावत को भरखनी ब्लॉक आवंटित कर दिया गया । आवंटन आदेश के कुछ दिनों बाद ( इच्छित तैनाती के न मिल पाने के कारण - सूत्र ) 11 मार्च को आखिरकार सपना रावत ने भरखनी विकासखण्ड की खण्डशिक्षा अधिकारी के तौर पर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया । औपचारिक परिचय और स्वागत आदि के तौर पर तमाम अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों ने उपहार आदि देकर अपनी अधिकारी का ख़ैर मकदम किया पर इसके ठीक अगले ही दिन 12 मार्च को उनकी खण्डशिक्षा अधिकारी सपना रावत का तबादला सांडी ब्लॉक में हो गया और सुनील कुमार सिंह ने भरखनी के खण्डशिक्षा अधिकारी के तौर पर ज्वॉइन कर लिया । इनका भी औपचारिक स्वागत आदि अधीनस्थों द्वारा भरपूर किया गया ।
सूत्र बतातें हैं कि अबकी वाली तैनाती दोनों अफसरों के मनमाफिक और शासन सत्ता की मंशानुरूप थी । वैसे तो ये सामान्य प्रक्रिया थी पर भरखनी ब्लॉक शिक्षा कार्यालय पर लगे तैनाती बोर्ड पर जब खण्डशिक्षा अधिकारियों की लिस्ट और तैनाती का समय काल आदि आने वाले समय में पढ़ेगा कोई तो इस 24 घण्टे के कार्यकाल के बारे में किसी न किसी से पूछेगा तो जरूर ।