देश में पिछले 40 सालों से चला आ रहा डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट अब बुलंदियों पर पहुंचने वाला है. डीसीसीआई बीसीसीआई की सपोर्टेड बॉडी है, जो दिव्यांग क्रिकेटरों को पूरी सुविधा मुहैया करा रही है. आज तक दिव्यांग क्रिकेट गुमनामी में जी रहा था लेकिन बीसीसीआई के सेक्रेटरी जय शाह ने मेनस्ट्रीम के क्रिकेटरों जैसी सुविधा डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेटरों को देने का वादा किया है.
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेटरों का मैच सफलतापूर्वक होने के बाद अब देशभर के तमाम राज्यों में इसके लिए डिफरेंटली एबल्ड खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. डीसीसीआई के महासचिव ने बताया कि दिव्यांग खिलाड़ियों को भी अब मेनस्ट्रीम के खिलाड़ियों की तरह सुविधा मिलेगी और भारत में दिव्यांग क्रिकेट वर्ल्ड कप का सपना भी पूरा होगा.
लोकल 18 से बातचीत में डीसीसीआई के जनरल सेक्रेटरी रविकांत चौहान कहते हैं कि कड़ी मेहनत और लंबे संघर्ष के बाद डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट को अब एक पहचान मिल रही है. वह भी खिलाड़ी रह चुके हैं लेकिन उस वक्त दिव्यांग खिलाड़ियों उतनी सुविधाएं नहीं मिला करती थी लेकिन बीसीसीआई के सेक्रेटरी जय शाह से मुलाकात करने के बाद अब देशभर में और अंतरराष्ट्रीय मंच पर डीसीसीआई को प्रमोट किया जाएगा. भारत के हर राज्य में क्रिकेट में रुचि रखने वाले दिव्यांग खिलाड़ियों को मौका दिया जाएगा.
डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट वर्ल्डकप का देखते हैं सपना
डीसीसीआई के जनरल सेक्रेटरी रविकांत चौहान कहते हैं कि वह भारत में डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट वर्ल्डकप का सपना देखते हैं. वैसे यह खेल पिछले 40 सालों से चला आ रहा है और क्रिकेट के मुकाबले भी समय-समय पर होते रहते हैं. 2012 में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम ने पाकिस्तान को 5-0 से हराया था और आज भी ऐसे अंतरराष्ट्रीय मुकाबले जारी हैं. भारत आज सक्षम है कि डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट वर्ल्डकप का आगाज अपने ही देश में करे.