नई दिल्ली: आईपीएल में जिस बैटर ने 23 मैच में 21 रन बनाए हों, अगर वह रणजी ट्रॉफी में 11वें नंबर पर बैटिंग करते हुए शतक ठोक दें तो आप क्या कहेंगे. मुंबई के तुषार देशपांडे ने यह कमाल किया है. उन्होंने रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में 11वें नंबर पर (Century at 11th Number) बैटिंग करते हुए महज 129 गेंद पर 123 रन की पारी खेली. तुषार देशपांडे (Tushar Deshpande) की इस पारी में 10 चौके और 8 छक्के शामिल थे. यानी उन्होंने 123 में से 88 रन सिर्फ बाउंड्रीज से बनाए.
क्रिकेट पर बारीक निगाह रखने वाले खेलप्रेमी जानते हैं कि चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) ने तुषार देशपांडे को 2022 में अपनी टीम में शामिल किया था. धोनी की टीम ने तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे को 20 लाख रुपए की बेस प्राइज में अपनी टीम से जोड़ा था. हालांकि, तुषार ने अपनी कीमत से कहीं बेहतर प्रदर्शन करते हुए 23 मैच में 25 विकेट झटके. वे जल्दी ही चेन्नई सुपरकिंग्स की प्लेइंग इलेवन के रेगुलर सदस्य बन गए.
28 साल के तुषार देशपांडे (Tushar Deshpande) के नाम आईपीएल में 23 मैच की में 21 रन दर्ज हैं. इसीलिए उनके शतक को किसी करिश्मे की तरह देखा जा रहा है. हालांकि, यह नहीं कहा जा सकता कि तुषार ने पहली बार बैटिंग में कमाल किया है. सच यह है किआईपीएल (Indian premier League) में 23 मैच में सिर्फ 3 बार ही उनकी बैटिंग आई. इनमें से भी दो बार वे नाबाद रहे. उनका सर्वोच्च स्कोर 20 रन रहा.रणजी ट्रॉफी में भी उनके नाम पहले से एक अर्धशतक था. इसीलिए तुषार देशपांडे के शतक को उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन तो माना जा रहा है, लेकिन चमत्कार नहीं.
तुषार देशपांडे ने बड़ौदा के खिलाफ अपनी शतकीय पारी के दौरान 10वें नंबर के बल्लेबाज तनुष कोटियान (120) के साथ 232 रन की साझेदारी की. यह 78 साल में पहला मौका है जब प्रथमश्रेणी मैच में भारत के 10वें और 11वें नंबर के बैटर्स ने शतक लगाया था. इससे पहले यह कमाल 1946 में इंडियंस बनाम सरे मुकाबले में चंदू सरवटे और शूते बैनर्जी ने किया था. इन दोनों ने तब क्रमश: 10वें और 11वें नंबर पर बैटिंग करते हुए 249 रन की पार्टनरशिप की थी.