प्रधानमंत्रीन नरेंद्र मोदी आज केरल में हैं। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केरल के लोगों में एक नया उत्साह है। 2019 में केरल के लोगों के दिलों में जो उम्मीद उभरी थी, वह अब 2024 में उनका विश्वास बन गई है। उन्होंन कहा कि 2019 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को केरल में दोहरे अंक में वोट मिले। ऐसा लग रहा है कि 2024 में केरल ने दोहरे अंक में सीटें देने का फैसला कर लिया है। कुछ महीनों बाद क्या होने वाला है, यह अब कोई रहस्य नहीं रह गया है। 2019 में, शहर में चर्चा थी फिर एक बार, मोदी सरकार 2024 में हर तरफ चर्चा का विषय है अबकी बार, 400 पार।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष ने आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली है। उसके पास भारत के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। इसका केवल एक ही एजेंडा है- मोदी को श्राप दो। केरल ऐसे लोगों के साथ कभी खड़ा नहीं होगा। केरल भाजपा और एनडीए को आशीर्वाद देगा। उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मोदी आपकी आकांक्षाओं और सपनों को हकीकत में बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। और, ये है मोदी की गारंटी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी भी भारत के किसी भी राज्य को वोट बैंक की नजर से नहीं देखा। जब केरल में भाजपा मजबूत नहीं थी, तब भी हमने केरल को सशक्त बनाने के लिए दिन-रात काम किया।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में विकास का उतना ही लाभ केरल को मिला है जितना भाजपा शासित राज्यों को मिला है। उन्होंने कहा कि हर कोई मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बारे में बात कर रहा है। हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। ये है मोदी की गारंटी। हमारे तीसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई और अधिक परिभाषित होने जा रही है। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि एलडीएफ और यूडीएफ ने केरल में शिक्षा प्रणाली के साथ क्या किया है। केरल के गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के दौरान किस संघर्ष का सामना करना पड़ता है, इसके बारे में हर कोई जानता है।
मोदी ने कहा कि हमारा तीसरा कार्यकाल केरल में शैक्षणिक संस्थानों के विकास पर काम करेगा। इससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के छात्रों के लिए अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंन कहा कि केरल की राज्य सरकार के लगातार असहयोग के बावजूद केरल भारत सरकार की प्राथमिकता पर रहा है। भारत सरकार ने ही तय किया है कि केंद्र सरकार की सारी नौकिरियों की परीक्षाएं मलयालम समेत सभी स्थानीय भाषाओं में कराई जाए।