मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि पेपर लीक की खबरें सामने आने के बाद यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2023 रद्द कर दी जाएगी। शासन ने छह माह के भीतर दोबारा परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। इसी को लेकर राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। राहुल ने एक्स पोस्ट में कहा कि छात्र शक्ति और युवा एकता की बड़ी जीत। उत्तरप्रदेश पुलिस परीक्षा आखिरकार निरस्त की गई। संदेश साफ है - सरकार कितना भी सच को दबाने की कोशिश करे, एकजुट होकर लड़ने से ही अपना हक जीता जा सकता है। जो जुड़ेंगे वो जीतेंगे, जो बटेंगे वो कुचल दिए जाएंगे।
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा कि ऐसे मामलों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जाए तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पेपर लीक की चर्चा प्रदेश के गांव-गांव में हो रही है, लेकिन सरकार सो रही है।
योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं। परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है। इसके अलावा यूपी सरकार ने समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) की परीक्षा में कथित अनियमितताओं और धांधली की जांच कागजी तौर पर नहीं बल्कि शासन स्तर पर कराने का आदेश जारी किया है।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में 17 और 18 फरवरी को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन यहां उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के गेट के सामने शुक्रवार को जारी रहा। उधर प्रतियोगी परीक्षार्थियों के समर्थन में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रतियोगी छात्र अभिनव द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक होने के खिलाफ उनका आंदोलन जारी है और उनकी मांग है कि यह परीक्षा निरस्त की जाए तथा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत को हटाया जाए।