समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द होना ‘‘भाजपा के लिए चौंकाने वाली खबर’’ है क्योंकि वर्षों से भर्ती का इंतजार कर रहे युवा अब पार्टी को सत्ता से हटा देंगे।
लखनऊ में सपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘परीक्षा रद्द होना ‘ब्रेकिंग न्यूज’ हो सकती है, लेकिन यह भाजपा के लिए चौंकाने वाली (शॉकिंग न्यूज) खबर है क्योंकि उसे उप्र के हर निर्वाचन क्षेत्र में 2.5 लाख से अधिक वोटों का नुकसान हुआ है।’’
अपने दावे को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर 60 लाख उम्मीदवारों ने पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन किया था और हम उनके माता-पिता पर भी विचार करें तो यह संख्या 1.8 करोड़ हो जाती है। इसका मतलब है कि उप्र के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में लगभग 2.5 लाख लोग भाजपा के खिलाफ वोट करने जा रहे हैं।’’
यादव ने कहा, ‘‘भाजपा को यह समझना चाहिए कि उसने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 2.5 लाख वोट खो दिए हैं और जो युवा वर्षों से पुलिस भर्ती का इंतजार कर रहे थे, वे अब भाजपा को राज्य से हटा देंगे।’’
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रश्नपत्र लीक के आरोपों के बाद हाल में आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा शनिवार को रद्द कर दी और छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया।
राज्य सरकार ने विशेष कार्य बल (एसटीएफ) द्वारा आरोपों की जांच की भी घोषणा की। 17 और 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा में राज्य भर में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। यादव ने कन्नौज जिले के 28 वर्षीय बेरोजगार युवा ब्रजेश पाल की आत्महत्या का भी जिक्र किया, जिसने अपने सभी शिक्षा प्रमाणपत्र जला दिए और शुक्रवार को यहां भूड़पुरवा इलाके में अपने घर में फांसी लगा ली थी।
अपने सुसाइड नोट में, पाल ने इस कदम के पीछे बेरोजगारी को जिम्मेदार ठहराया था। पाल ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उनकी आधी जिंदगी पढ़ाई में गुजर गई। पाल ने अपने नोट में कहा था, ‘‘अब मैं परेशान हूं। जब नौकरी नहीं मिल सकती तो डिग्री का क्या फायदा।’’ पाल के पिता दिल्ली में निजी कंपनी में काम करते हैं और उनके पास गांव में चार बीघा जमीन है। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था।
अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘दुख तब और बढ़ जाता है जब हम ब्रजेश पाल की मौत के बारे में सुनते हैं जिन्होंने अपने सारे शैक्षिक प्रमाण पत्र जलाकर आत्महत्या कर ली। सोचिए यह कैसी सरकार है जो नौकरियां नहीं दे सकती।’’ उन्होंने मांग की कि सरकार को मृतक ब्रजेश के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देनी चाहिए।