किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली चलो मार्च को स्टैंडबाय पर रखा गया है क्योंकि केंद्र सरकार ने चौथे दौर की वार्ता के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक प्रस्ताव दिया है। किसान नेताओं ने कहा कि वे एमएसपी पर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और मार्च 21 फरवरी को शांतिपूर्वक फिर से शुरू होगा। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हम अपने सभी सहयोगियों, कुछ कृषि विशेषज्ञों और अन्य कानूनी विशेषज्ञों के साथ इस प्रस्ताव की समीक्षा करेंगे और फिर हम तय कर पाएंगे कि इसके बारे में क्या करना है। तो आज हम जाएंगे और अपने साथियों के साथ ऐसी ही चर्चा करेंगे।
सरवन सिंह पंधेर ने आगे कहा कि जहां तक हमारे दिल्ली जाने के फैसले की बात है तो वो अभी स्टैंडबाय पर है, हमने कहा है कि आज 19 तारीख है और 21 तारीख को सुबह 11 बजे हम शांति से आगे बढ़ेंगे। किसान नेता ने कहा कि इस बीच हम अपनी तरफ से हर संभव कोशिश करना चाहेंगे कि आज हम केंद्र के सामने अपनी बात रखें, उसका माध्यम कुछ भी हो सकता है, तो वहीं इन दो दिनों में कल मंत्री ने भी कहा था कि अभी भी कुछ चीजें हैं तो हम करेंगे। आप भी दिल्ली जाकर उनसे चर्चा करें। प्रदर्शनकारी किसान अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। विरोध प्रदर्शन रोक दिए जाने के कारण बड़ी संख्या में ट्रैक्टर, ट्रॉलियां और ट्रक सीमा पर खड़े देखे गए।
सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए शंभू बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर दोनों पर मल्टी-लेयर बैरिकेडिंग के साथ भारी सुरक्षा बढ़ा दी है। कथित तौर पर, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान सैकड़ों किसान, कुछ पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। इससे पहले, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसानों के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बहुत सकारात्मक और व्यापक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि नये विचारों और सोच के साथ हमारी भारतीय किसान मजदूर यूनियन और अन्य किसान नेताओं से सकारात्मक चर्चा हुई। पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी द्वारा किए गए कार्यों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर हमारी विस्तृत चर्चा हुई।