हिमाचल प्रदेश के रामपुर में जल ऊर्जा परियोजनाओं के वास्ते अधिगृहीत की गई भूमि के बदले पर्याप्त मुआवजा और युवाओं को रोजगार देने की मांग को लेकर प्रभावित 16 पंचायतों के किसानों और मजदूरों ने शुक्रवार को शिमला-किन्नौर मार्ग पर करीब ढाई घंटे तक जाम लगाए रखा।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य की राजधानी शिमला से लगभग 110 किलोमीटर दूर नीरथ बाजार में रैली निकाली और बाद में सड़क को अवरुद्ध कर दिया। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि यह विरोध-प्रदर्शन स्थानीय लोगों के मुद्दों के समाधान के अलावा, राष्ट्रीय स्तर पर ‘‘अन्याय झेल रहे ’’ किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए किया गया था।
अब, किसान और मजदूर विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगें पूरी होने तक अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आगे बढ़ेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि परियोजना निर्माता द्वारा स्थानीय लोगों को पर्याप्त मुआवजा और नौकरी सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसके खिलाफ ही यह प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों द्वारा अवरुद्ध की गई सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। देहरा पंचायत प्रधान सरोज बाला ने कहा कि 16 पंचायतों के लोग यहां विरोध-प्रदर्शन के लिए पहुंचे।