चित्रकूट जिले की एक अदालत ने कृषि भूमि की लालच में अपने सगे बाबा की हत्या करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
चित्रकूट के जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) श्याम सुंदर मिश्रा ने बताया कि अभियोजन और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास कुमार (प्रथम) की अदालत ने पहाड़ी थाना क्षेत्र के इटौरा गांव में आठ फरवरी, 2019 की रात खेत में रखवाली कर रहे रामदास आरख की गला रेतकर हत्या करने के मामले में दोषी पाए गए उसके पौत्र प्रेमचंद आरख को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
उन्होंने बताया कि घटना की प्राथमिकी मृतक के भाई भगवानदीन आरख ने नौ फरवरी को पहाड़ी थाने में दर्ज करवाई और पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 31 अक्टूबर, 2019 को अदालत में आरोपपत्र दाखिल की थी।
प्राथमिकी में भगवानदीन ने आरोप लगाया था कि उसका भाई रामदास अपने हिस्से की आठ बीघे कृषि भूमि उसके बेटों रामचंद्र, सुरेशचंद्र और महेश को देने वाले थे, इसी से क्षुब्ध होकर उसके पौत्र प्रेमचंद ने अपने बाबा की हत्या कर दी।