उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक युवक की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई. गुलरिया थाना क्षेत्र के बजरंग धाम कॉलोनी में जुआ के खेल में जीतकर घर जाने वाले युवक की उसके नाराज दोस्तों ने हत्या कर दी. नाराज दोस्तों ने युवक को और जुआ खेलने का दबाव बना रहे थे. युवक के न मानने पर उसकी बेरहम तरीके से हत्या कर दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. साथ ही तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
दरअसल, बजरंग धाम कॉलोनी के रहने वाले इंदू सिंह के पास कोई संतान नहीं थी. उनके पति जयप्रकाश सिंह ऑटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे. ऐसे में इंदू ने अपने भाई के बेटे यानी कि भतीजे को गोद ले लिया था. 28 साल के मृत्युंजय उर्फ पीयूष सिंह दम्पति के साथ ही रहता था. कुछ साल पहले जयप्रकाश सिंह की मौत हो गई थी.
पैसा जीतने के बाद जाने लगा घर
पीयूष के ऊपर अब कोई अंकुश नहीं रहा है. ऐसे में वह गलत संगत में पड़ गया. वह नशा व जुआ खेलने लगा. उसके साथ उसको प्रतिदिन इसके लिए बुलाने भी आते थे. गुरुवार को भी उसका दोस्त संतोष निषाद अन्य मित्रों के साथ जुआ खेलने के लिए बुलाने आया. वह पास में ही स्थित शिवमंदिर परिसर में जुआ खेलने चला गया. इस दौरान शुरू में हारने के बाद वह कुछ पैसा जीत गया तो घर की ओर चल दिया, लेकिन यह बात संतोष व उसके अन्य साथियों को नागवार लगी.
तुम्हें खेलना ही होगा
उन लोगों ने कहा कि अभी और चाल चलेगी, तुम्हें खेलना ही पड़ेगा. शोर सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और इस दौरान डायल 1112 को सूचना दी. मौके पर पहुंचे पीआरवी के सिपाहियों ने मामले को शांत कराया और सबको घर भेज दिया. इसके कुछ देर के बाद अंधेरा होने पर पीयूष किसी काम से बाजार की तरफ निकला. रास्ते में मिले संतोष निषाद और उसके साथ गाली देने लगे.
खाल प्लॉट में मिला शव
पीयूष ने इसका विरोध किया तो उसको खींचते हुए सुनसान इलाके में लेकर चले गए. उसके बाद पीयूष का कोई पता नहीं चला. सुबह होने पर उसका शव खाली प्लॉट में मिला. उसका शरीर पूरी तरह से चाकुओं से गोदा गया था. पहचान छुपाने के लिए चेहरे पर ज्वलनशील पदार्थ डाला गया था. चाकू से हमले में उसकी कलाई भी कट गई थी.
तीन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
इस मामले में एसपी नार्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इंदू सिंह की तहरीर पर कॉलोनी के ही तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. उनको हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. असली पिता लकवा के शिकार है. रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. पीयूष को गोद लेने वाली बुआ इंदु सिंह मूल रूप से देवरिया जनपद के भाटपार रानी वाली हैं. उनके पति की कुछ साल पहले मौत हो गई.
उसके बाद वह बजरंग धाम कॉलोनी में आवास बनवाकर गोद लिए बेटे पीयूष के साथ रहती थी. पीयूष के असली पिता का नाम भी जयप्रकाश सिंह है जो लकवा के शिकार हो गए हैं और बेड पर ही हैं. वह जबसे बेटे की मौत की खबर सुने हैं. उनका रो- रोकर बुरा हाल हो गया है. छोटा भाई सूरज भी बेहाल है. हिंदू ने बताया कि पीयूष की अभी शादी नहीं हुई थी.